क्या सरकार को किसानों की परवाह नहीं है? : विजय वडेट्टीवार

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क्या सरकार को किसानों की परवाह नहीं है? : विजय वडेट्टीवार

सारांश

कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने महाराष्ट्र सरकार की नीतियों पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार किसानों के हित में कार्य नहीं कर रही, बल्कि केवल बड़े बिल्डरों की परवाह करती है। क्या यह सरकार वाकई किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है?

Key Takeaways

  • किसानों की आत्महत्या का मामला गंभीर है।
  • सरकार को किसानों के हित में काम करने की आवश्यकता है।
  • आर्थिक तंगी और कर्ज़ किसानों की मुख्य समस्याएँ हैं।
  • केंद्र सरकार का वादा किसानों की आय दोगुनी करने का था।
  • किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।

मुंबई, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश सरकार की उन नीतियों की कड़ी आलोचना की है, जिनमें यह दावा किया गया कि सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार किसानों की परवाह नहीं करती है। अगर किसी की परवाह है, तो वो सिर्फ बड़े-बड़े बिल्डरों की है।

बुधवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को केवल किसानों के वोट चाहिए, लेकिन उन्हें देने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं है। यह सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि किसानों को सहायता की ज़रूरत है। बारिश के कारण किसानों की फसलों की बर्बादी पर सरकार को मुआवजा देना चाहिए। लेकिन, सरकार के पास जवाब देने का समय नहीं है।

किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया। इस पोस्ट में लिखा गया, "2025 के पहले 3 महीनों में महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या कर ली। यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है, जो केंद्र की मोदी सरकार में किसानों की बदहाली को दर्शाता है। भाजपा सरकार में किसान भारी कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। खेती के सामान पर जीएसटी लगाई गई है। किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा। केंद्र सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक 'किसानों की आय' दोगुनी हो जाएगी, लेकिन आज 'किसानों की आय' आधी हो गई है। चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था का ढोल पीटने वाली सरकार देश के पूंजीपतियों का लाखों-करोड़ का कर्ज माफ कर देती है, लेकिन किसानों का एक रुपया माफ नहीं करती। कुल मिलाकर सरकार देश के अन्नदाताओं को तबाह करने पर तुली है।

कांग्रेस के इन आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा की ओर से सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब किसानों की आत्महत्या की घटनाएँ आम थीं। लेकिन कांग्रेस के चेहरे पर कभी चिंता की लकीर नहीं दिखी। आज जब भाजपा महायुति सरकार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है, तो कांग्रेस सस्ती राजनीति के सहारे पुनः सत्ता की भूख मिटाना चाहती है। सच यह है कि कांग्रेस को किसानों की चिंता नहीं, केवल सत्ता की भूख है, जिससे देश के अन्नदाताओं को भी उन्होंने सत्ता की सीढ़ी बना लिया।

Point of View

NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

किसानों की आत्महत्या के पीछे क्या कारण हैं?
किसानों की आत्महत्या के पीछे कई कारण हैं, जैसे कर्ज़, फसलों का सही मूल्य न मिलना, और प्राकृतिक आपदाएँ।
क्या सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान कर रही है?
सरकार पर यह आरोप है कि वह किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और केवल बड़े बिल्डरों की चिंता कर रही है।