क्या सरकार तीन करोड़ प्रवासी वोटरों की अनदेखी कर रही है? : राजेश कुमार

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क्या सरकार तीन करोड़ प्रवासी वोटरों की अनदेखी कर रही है? : राजेश कुमार

सारांश

बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने सरकार पर पलायन कर काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के वोटिंग अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। क्या यह लोकतंत्र के लिए खतरा है? जानें इस विशेष रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • तीन करोड़ प्रवासी मजदूरों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं हैं।
  • सरकार को प्रवासी मजदूरों के मतदान अधिकारों की सुरक्षा करनी चाहिए।
  • वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
  • बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर है।
  • राजनीतिक गठबंधन चुनाव में मजबूती से लड़ने के लिए तैयार है।

पटना, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने राज्य और केंद्र सरकार पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में मतदाता पुनरीक्षण के मुद्दे पर कहा कि बिहार से पलायन कर अन्य राज्यों में कार्यरत लगभग तीन करोड़ मजदूरों और कामकाजी लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब हो सकते हैं, जिससे वे आगामी विधानसभा चुनावों में मतदान के अधिकार से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा बताया और चुनाव आयोग एवं सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की।

राजेश कुमार ने यह सवाल उठाया कि जब 6 जनवरी 2025 को वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन हो चुका है, तो सरकार 25 दिन में उन तीन करोड़ प्रवासी लोगों के नाम कैसे जोड़ पाएगी? उन्होंने कहा कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग रोजगार के लिए गए हुए हैं, लेकिन सरकार की व्यवस्था ऐसी है कि वे मतदान के लिए अपने गांव नहीं जा सकते।

उन्होंने बताया कि हाल ही में वे दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में बिहार के कामगारों से मिले थे। वहां लोगों ने बताया कि वे वोट डालने आना चाहते हैं, लेकिन ट्रेन की टिकट भी नहीं मिल रही है। 15 दिन की वेटिंग चल रही है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सरकार इन लोगों के वोट डालने में रुचि नहीं रखती?

कांग्रेस अध्यक्ष ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी पहले से मौजूद हैं, उनके लिए यह प्रक्रिया सरल होनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय सरकार ने 11 प्रकार के दस्तावेजों की शर्त रख दी है, जो आम प्रवासी मजदूरों के पास नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब जानबूझकर किया गया है ताकि इन लोगों को मतदान से वंचित किया जा सके।

राजेश कुमार ने कहा कि यदि सरकार को दस्तावेजों की जांच करनी थी तो यह प्रक्रिया लोकसभा चुनाव से पहले या तुरंत बाद पूरी की जा सकती थी, लेकिन अब जब चुनाव नजदीक हैं, ऐसे कड़े नियमों का लागू किया जाना संदेह पैदा करता है।

उन्होंने कहा कि सरकार तो "हसुआ के ब्याह में खुरपा का गीत गा रही है", अर्थात जहां आवश्यकता नहीं है, वहां समस्याएं पैदा कर रही है।

बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य में हालात इतने खराब हैं कि रोजाना तीन से चार हत्याएं, दुष्कर्म और अन्य गंभीर आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। एफआईआर तक दर्ज नहीं हो रही। उन्होंने इसे “आपातकाल जैसी स्थिति” कहा और कहा कि बिहार में गुंडाराज कायम हो चुका है और सरकार पूरी तरह नाकाम है।

राजनीतिक गठबंधन के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी मजबूती से चुनाव की तैयारी कर रहा है और 243 सीटों पर पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन के अंदर किसी भी मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं है और सभी स्तरों पर सामंजस्य बनाकर तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ नेताओं से मार्गदर्शन लिया जा रहा है और अगली रणनीति पर चर्चा हो चुकी है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव द्वारा इस्तेमाल किए गए एक विवादास्पद शब्द को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनाव मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए, न कि गालियों की प्रतियोगिता बननी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव की भाषा शैली पर भाजपा और अन्य दलों को जवाब देना चाहिए, लेकिन असल फोकस मुद्दों पर होना चाहिए।

Point of View

बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि कैसे चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने से वंचित किया जा सकता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

राजेश कुमार ने क्या आरोप लगाया है?
राजेश कुमार ने सरकार पर आरोप लगाया है कि प्रवासी मजदूरों के नाम वोटर लिस्ट से गायब हो सकते हैं, जिससे वे मतदान से वंचित रह जाएंगे।
सरकार को इस मुद्दे पर क्या कदम उठाने चाहिए?
सरकार को तुरंत इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और प्रवासी मजदूरों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए।
क्या प्रवासी मजदूर मतदान नहीं कर पाएंगे?
यदि सरकार उचित कदम नहीं उठाती है, तो प्रवासी मजदूर आगामी विधानसभा चुनावों में मतदान से वंचित रह सकते हैं।
राजेश कुमार ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि प्रक्रिया जटिल है और आम प्रवासी मजदूरों के लिए यह कठिनाई पैदा कर रही है।
बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति क्या है?
राजेश कुमार ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है, जहां रोजाना गंभीर अपराध हो रहे हैं।