क्या शारीरिक बनावट क्षमता का निर्धारण नहीं करती? : सीएम योगी

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क्या शारीरिक बनावट क्षमता का निर्धारण नहीं करती? : सीएम योगी

सारांश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में दिव्यांगजन के कल्याण के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि शारीरिक बनावट किसी की क्षमता का निर्धारण नहीं करती है। उन्होंने दिव्यांगजनों की सामर्थ्य और संकल्प शक्ति पर बल दिया।

Key Takeaways

  • शारीरिक बनावट क्षमता का निर्धारण नहीं करती है।
  • संकल्प शक्ति ही हमारी वास्तविक शक्ति है।
  • दिव्यांगजन को सहारा देना हमारी जिम्मेदारी है।
  • सरकार ने पेंशन राशि बढ़ाई है।
  • दिव्यांगजन के लिए सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

लखनऊ, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में विश्व दिव्यांग दिवस 2025 के अंतर्गत आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि शारीरिक बनावट किसी की क्षमता और लक्ष्यों की प्राप्ति में रुकावट नहीं बनती है।

बुधवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दिव्यांगजन सशक्तिकरण, छात्रवृत्ति वितरण, सहायक उपकरण प्रदान करने और उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के सम्मान हेतु आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत की ऋषि परंपरा ने हमें हमेशा प्रेरित किया है कि व्यक्ति की शारीरिक बनावट उसकी क्षमता का निर्धारण नहीं करती।

सीएम योगी ने बताया कि आज देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पावन जयंती है। उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक ग्रंथ है अष्टावक्र गीता जिसे ऋषि अष्टावक्र ने लिखा। उनके जीवन के अनेक उदाहरण हैं, जहां दिव्यांगजन ने अपनी शक्ति और सामर्थ्य से समाज के लिए बड़ा योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम आपके लिए अत्यंत उपयोगी हो सकते हैं। यदि किसी परिवार में कोई बच्चा दिव्यांगता का शिकार होता है, तो परिवार और समाज अक्सर उसे उपेक्षित कर देते हैं, जिससे वह जीवन भर कुंठित रहता है। यदि हम थोड़ा संबल दें, तो अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के खेल और युवा कल्याण विभाग के सचिव स्वयं पैरालंपिक मेडलिस्ट हैं और उन्होंने पैरा ओलंपिक में सर्वाधिक मेडल जीते। यह दर्शाता है कि हमारी संकल्प शक्ति और आत्मबल ही हमारे सामर्थ्य का वास्तविक पैमाना है।

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति एक ईश्वरीय कृति है। अगर हम हर मनुष्य के भीतर ईश्वर का वास मानकर उसके प्रति सद्भाव और सहानुभूति रखें, तो हम दिव्यांगजन को समाज और राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशन की राशि को 300 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया है। लाभार्थियों की संख्या भी 8 लाख से बढ़ाकर 11 लाख कर दी गई है। दिव्यांगजन के लिए सहायक उपकरण वितरण की प्रक्रिया को भी व्यापक रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश में यूडीआईडी कार्ड के 16,23,000 से अधिक कार्ड निर्गत किए गए हैं। कुष्ठावस्था पेंशन को 2,500 रुपए से बढ़ाकर 3,000 रुपए किया गया है। इस वर्ष 108 बच्चों का सफल इम्प्लांट कराया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 6,100 से अधिक दम्पत्तियों को विवाह प्रोत्साहन और 8,835 दिव्यांग व्यक्तियों को स्वरोजगार सहायता प्रदान की गई है।

Point of View

बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी बताता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजन के लिए कौन से कार्यक्रमों की बात की?
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजन के कल्याण के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का उल्लेख किया, जैसे पेंशन योजना और सहायक उपकरण वितरण।
क्या शारीरिक बनावट व्यक्ति की क्षमता को प्रभावित करती है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि शारीरिक बनावट व्यक्ति की क्षमता का निर्धारण नहीं करती, बल्कि मानसिक शक्ति और संकल्प महत्वपूर्ण हैं।
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