क्या टीडीपी ने पशु बलि की संस्कृति की शुरुआत की?

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क्या टीडीपी ने पशु बलि की संस्कृति की शुरुआत की?

सारांश

तेलुगु देशम पार्टी पर पेर्नी वेंकटरमैया का आरोप है कि उसने पशु बलि की प्रथा शुरू की। क्या यह ध्यान भटकाने की राजनीति है?

Key Takeaways

  • टीडीपी पर पशु बलि का आरोप
  • पेर्नी नानी का बयान
  • राजनीतिक प्रतिशोध का संकेत
  • पशु बलि की प्रथाओं पर सवाल
  • आंध्र प्रदेश की राजनीतिक स्थिति

अमरावती, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री पेर्नी वेंकटरमैया ने रविवार को आरोप लगाया कि तेलुगु देशम पार्टी ने फ्लेक्स बोर्ड पर पशु बलि और रक्त चढ़ाने की प्रथा को प्रारंभ किया था। उन्होंने कहा कि अब टीडीपी आंध्र प्रदेश में गठबंधन सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए वाईएसआरसीपी पर झूठे आरोप लगा रही है।

उन्हें आमतौर पर पेर्नी नानी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने टीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की 'ध्यान भटकाने वाली और प्रतिशोधी राजनीति' की निंदा की।

वेंकटरमैया ने आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार ने राज्य को भय, प्रतिशोध और संस्थागत पतन के माहौल में धकेल दिया है।

पेर्नी नानी ने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और गृह मंत्री अनीता फ्लेक्स बैनरों के पास 'रक्त अनुष्ठानों' के बारे में आरोप लगा रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसी प्रथाएं मूल रूप से टीडीपी समर्थकों द्वारा ही फिल्म रिलीज, नेताओं के जन्मदिन और यहां तक कि चुनाव समारोहों के दौरान की जाती थीं।

उन्होंने उन घटनाओं का उल्लेख किया, जब बालकृष्ण की फिल्मों की रिलीज और चंद्रबाबू नायडू के जन्मदिन पर टीडीपी नेताओं के फ्लेक्स के पास खुलेआम पशु बलि दी गई और तब कोई कार्रवाई नहीं की गई। वाईएसआरसीपी नेता ने सवाल उठाया कि अब उन्हीं कृत्यों को अपराध क्यों बताया जा रहा है, जबकि उनमें उनके समर्थक शामिल हैं।

पेर्नी नानी पिछले एक सप्ताह में दो अलग-अलग घटनाओं में पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी के पोस्टर के सामने कथित तौर पर पशु बलि देने के आरोप में वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

21 दिसंबर को पूर्वी गोदावरी जिले के नल्लाजेरला मंडल के चोडावरम में जगन के जन्मदिन समारोह के हिस्से के रूप में कथित तौर पर एक भेड़ का वध किया गया और उसके खून से सना हुआ जगन का पोस्टर दिखाकर अभिषेक करने के आरोप में सात वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

23 दिसंबर को श्री सत्य साई जिले के कनागनीपल्ली मंडल के भानुकोटा गांव में इसी तरह की घटना के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

आरोपियों ने कथित तौर पर 'रप्पा रप्पा' के नारे लगाए और पोस्टर पर लिखा था कि अगर जगन 2029 में सत्ता में वापस आते हैं, तो 'गंगम्मा जतारा' होगी। ये नारे फिल्म 'पुष्पा 2' के संदर्भ में हैं।

इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं द्वारा राजनीतिक हिंसा बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पशु बलि देकर और पोस्टर पर खून डालकर वाईएसआरसीपी भय का माहौल बनाना चाहती है।

गृह मंत्री वंगलपुडी अनीता ने हिंसक समारोहों के वीडियो दिखाए और कहा कि वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं द्वारा जानवरों का वध करना और केक काटने के लिए खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करना समारोहों का हिस्सा बन गया है।

हालांकि, पेर्नी नानी ने वाईएसआरसीपी समर्थकों को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने और सार्वजनिक रूप से अपमानित करने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसा व्यवहार उचित था और क्या ग्राम उत्सवों के दौरान पशु बलि देने वालों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने पूछा, 'अगर पशु बलि वास्तव में गैरकानूनी है, तो क्या सरकार इसे पूरे राज्य में समान रूप से प्रतिबंधित करेगी?'

Point of View

यह मुद्दा समाज में गहरी जड़ों तक फैला हुआ है। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से कहीं ज्यादा, यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों पर प्रश्न उठाता है। ऐसे मामलों में हमें निष्पक्षता से विचार करना चाहिए और समाज के सभी पक्षों को सुनना चाहिए।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

टीडीपी पर आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं?
पेर्नी वेंकटरमैया का कहना है कि टीडीपी ने पशु बलि और रक्त चढ़ाने की प्रथा शुरू की है, जिससे ध्यान भटकाना है।
क्या पशु बलि कानून के खिलाफ है?
यदि पशु बलि वास्तव में गैरकानूनी है, तो इसे पूरे राज्य में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
इस मुद्दे पर वाईएसआरसीपी का क्या कहना है?
वाईएसआरसीपी ने आरोप की निंदा की है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया है।
क्या पशु बलि की घटनाएं सामान्य हैं?
ऐसी घटनाएं राजनीतिक समारोहों के दौरान होती रही हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की गई।
पॉलिटिकल हिंसा की स्थिति क्या है?
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं द्वारा राजनीतिक हिंसा बढ़ रही है।
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