क्या ट्रंप प्रशासन टैरिफ के जरिए भारत को टारगेट कर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप का टैरिफ बढ़ाने का निर्णय भारत को सीधे तौर पर टारगेट कर रहा है।
- भारत एक प्रमुख वैश्विक शक्ति है।
- टैरिफ को केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।
- अमेरिका-भारत के रिश्ते में जटिलताएं बढ़ रही हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह भू राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाने की दी गई धमकी रेसिप्रोकल टैरिफ की भावना के विपरीत है। ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य केवल भारत को टारगेट करना है। यह बयान मंगलवार को एक विशेषज्ञ द्वारा प्रस्तुत किया गया।
विश्वमित्रा रिसर्च फाउंडेशन की संस्थापक और विशेषज्ञ प्रियम गांधी मोदी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "पहले हमें यह विश्वास था कि टैरिफ रेसिप्रोकल होंगे, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि भारत को सीधे तौर पर टारगेट किया जा रहा है। इसे केवल टैरिफ के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे भू राजनीतिक दृष्टिकोण से समझना चाहिए।"
अमेरिका द्वारा एकतरफा टैरिफ बढ़ाने के ऐलान पर उन्होंने कहा कि यह अनुचित है और इसके पीछे अन्य शक्तियां काम कर रही हैं।
उन्होंने आगे कहा, "भारत एक महान शक्ति है और कोई भी देश उसे यह नहीं कह सकता कि उसे किस देश के साथ व्यापार करना चाहिए या नहीं।"
कल विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि भारत की रूस से तेल खरीद को पिछले अमेरिकी प्रशासन ने सराहा था।
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर यह धमकी दी थी कि इसके चलते भारत पर टैरिफ (शुल्क) में भारी बढ़ोतरी की जाएगी।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि वह उसे खुला बाजार में बेचकर भी मुनाफा कमा रहा है। उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि यूक्रेन में कितने लोग रूस के हाथों मारे जा रहे हैं।"
उन्होंने आगे लिखा, "इसी वजह से, मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले शुल्क में भारी बढ़ोतरी करूंगा।"
ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर ने भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, "ट्रंप का संदेश स्पष्ट है कि रूस से तेल खरीदकर युद्ध को फंड करना स्वीकृत नहीं है।" हालांकि, मिलर ने यह भी कहा कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच "शानदार रिश्ते" हैं।
पिछले हफ्ते ट्रंप ने संकेत दिया था कि वह भारत से आयात होने वाले सामान पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के साथ-साथ रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त दंडात्मक कार्रवाई कर सकते हैं।