क्या विजय सिन्हा ने राजद के कर्पूरी अति पिछड़ा सम्मेलन को 'चुनावी नाटक' बताया?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव ने भाजपा पर हमला किया।
- विजय सिन्हा ने सम्मेलन को चुनावी नाटक बताया।
- कर्पूरी ठाकुर के विचारों को मान्यता दी गई।
- राज्य में विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
- एनडीए सरकार ने आरक्षण की व्यवस्था की है।
पटना, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को राजद द्वारा आयोजित कर्पूरी अतिपिछड़ा सम्मेलन में भाजपा पर तीखा हमला किया। दूसरी ओर, उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने इस सम्मेलन को केवल एक चुनावी नाटक करार दिया।
उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि राजद और कांग्रेस के लोग किसी समाज के हितैषी नहीं हैं। उनकी सभी गतिविधियां एक परिवार के इर्द-गिर्द घूमती हैं। तेजस्वी यादव जिन कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं, उनके पिता लालू प्रसाद ने कर्पूरी ठाकुर का अपमान उनके जीवनकाल में किया।
सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, "पंद्रह साल के शासन में उनके माता-पिता केवल कर्पूरी जी की विरासत हथियाने के प्रयास में लगे रहे, जबकि उनकी शुचिता, ईमानदारी और सामाजिक न्याय की सोच का हर कदम पर गला घोंटने में लगे रहे।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्पूरी को असली सम्मान दिया है और उनके विचारों को जमीन पर उतारा है। हमारी डबल इंजन सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया।
सिन्हा ने कहा कि राज्य की एनडीए सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग और अतिपिछड़ा वर्ग के पुरुष-महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है। राज्य की एनडीए सरकार ने पिछले दो दशकों में सामाजिक सेवाओं पर 13 गुना, शिक्षा पर 10 गुना और स्वास्थ्य सेवाओं पर 13 गुना व्यय में वृद्धि की है। 2005 में गांवों में पक्की सड़कें मात्र 835 किमी थीं, जो अब बढ़कर 1.17 लाख किमी हो गई हैं। राज्य में बिजली की खपत 2005 की तुलना में 11 गुना बढ़ी है। ये आंकड़े बताते हैं कि हमने न्याय के साथ विकास का संकल्प लिया था, जिसे हर क्षेत्र में पूरा कर रहे हैं। यह एनडीए की डबल इंजन सरकार की उपलब्धि है कि बिहार की राजनीति में विकास एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना है।