क्या विपक्ष को विधेयक का समर्थन नहीं करना चाहिए? : केंद्रीय मंत्री मेघवाल

सारांश
Key Takeaways
- विधेयक में 30 दिन से अधिक जेल में रहने पर पद हटाने का प्रावधान है।
- अर्जुन राम मेघवाल ने इसे प्रगतिशील बताया है।
- विपक्ष का विरोध भ्रष्टाचार के पक्ष में होना दर्शाता है।
- संसद में इस विधेयक पर चर्चा हो चुकी है।
- इंदौर में पौधरोपण अभियान की सराहना की गई।
इंदौर, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री को 30 दिन से अधिक जेल में रहने पर पद से हटाने का विधेयक पेश किया गया है। इस विधेयक का विपक्ष ने विरोध किया है। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष के रवैए की निंदा करते हुए कहा है कि यह एक प्रगतिशील विधेयक है और विपक्ष को इसका समर्थन करना चाहिए।
इंदौर की व्यापारिक नगरी में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में भाग लेने आए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'सिंदूर' का पौधा लगाया। उन्होंने इंदौर में चलाए जा रहे पौधरोपण अभियान की भी सराहना की।
मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि यह केंद्र सरकार की अभिनव पहल है। विधेयक सदन में पेश किया जा चुका है और यह संयुक्त संसदीय समिति के पास जाएगा। इसमें प्रावधान है कि यदि कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री किसी अपराध में सजा पाते हैं और 30 दिन तक न्यायालय से जमानत नहीं मिलती है, तो वे अपने पद पर नहीं रहेंगे।
उन्होंने कहा कि यह एक शानदार और प्रोग्रेसिव पहल है, जिसे विपक्ष को समर्थन देना चाहिए। विपक्ष का विरोध यह दर्शाता है कि क्या वे भ्रष्टाचार के पक्ष में हैं। विपक्ष विधेयक को पढ़ने में भी असमर्थ है।
उदाहरण देते हुए उन्होंने अरविंद केजरीवाल का उल्लेख किया कि जब न्यायालय सजा देता है और 30 दिन तक जमानत नहीं होती है, तब इस विधेयक के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री मेघवाल ने बताया कि संसद के मानसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा हुई। यह चर्चा शानदार रही। 'ऑपरेशन सिंदूर' से सेना ने देश का मान-सम्मान बढ़ाया और प्रधानमंत्री मोदी ने इसका नेतृत्व किया।
इस कार्यक्रम में राज्य के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत इंदौर के कई जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। मंत्री विजयवर्गीय ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने गरीबी से उठकर यह मुकाम पाया है।