क्या वोटर लिस्ट से एक भी नाम कटना लोकतंत्र की हत्या के समान है? : राजद सांसद मनोज झा

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क्या वोटर लिस्ट से एक भी नाम कटना लोकतंत्र की हत्या के समान है? : राजद सांसद मनोज झा

सारांश

राजद सांसद मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से एक भी नाम का कटना लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन करते हुए, उन्होंने पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता पर जोर दिया।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची का पुनरीक्षण लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता है।
  • तेजस्वी यादव के आरोपों का समर्थन किया गया है।
  • चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं।
  • भविष्य के चुनावों के लिए तैयारी की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि वोटर लिस्ट से एक भी वोटर का नाम कटता है, तो यह लोकतंत्र की हत्या के समान है।

रविवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उन सवालों का समर्थन किया है, जिन्हें तेजस्वी ने चुनाव आयोग से उठाया था।

तेजस्वी यादव ने यह आरोप लगाया था कि ड्राफ्ट मतदाता सूची में उनका नाम गायब है और पुनरीक्षण प्रक्रिया में जानबूझकर धांधली की जा रही है। तेजस्वी ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि उन सभी मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराई जाए, जिनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने स्थायी पलायन और मृतकों के नाम हटाने के आधार पर भी सवाल उठाए हैं।

मनोज कुमार झा ने तेजस्वी के सवालों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं, जैसे कि पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और डेटा का अभाव। उन्होंने विशेष रूप से पूछा कि स्थायी पलायन का आधार क्या है और मृतकों के नाम हटाने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी या नहीं?

उन्होंने कहा कि आयोग की वेरिफिकेशन प्रक्रिया उचित नहीं है। हालांकि आयोग बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर यह दावा कर रहा है कि एक भी आपत्ति 24 घंटे में नहीं आई

मनोज झा ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक की जीत की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि अगर एक भी वोटर का नाम मतदाता सूची से कटता है, तो यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है, और एनडीए को इसकी कोई चिंता नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का उदाहरण देते हुए भाजपा और चुनाव आयोग की कार्यशैली पर प्रश्न उठाए। इसे लोकतंत्र के लिए नकारात्मक तस्वीर बताया।

वहीं, चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में मौजूद है, जिसमें उनकी फोटो, उम्र, पिता का नाम और मकान नंबर दर्ज है। आयोग ने यह भी कहा कि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने का समय है, जिससे छूटे हुए नाम जोड़े जा सकते हैं।

Point of View

यह स्थिति दर्शाती है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता कितनी महत्वपूर्ण है। राजद और भाजपा के बीच चल रही बहस लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों की रक्षा के लिए आवश्यक है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी मतदाता सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

मनोज झा ने किस मुद्दे पर सवाल उठाया?
मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाया कि अगर एक भी वोटर का नाम कटता है तो यह लोकतंत्र की हत्या है।
तेजस्वी यादव का क्या आरोप था?
तेजस्वी यादव ने कहा कि ड्राफ्ट मतदाता सूची में उनका नाम गायब है और पुनरीक्षण प्रक्रिया में धांधली की जा रही है।
चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावों का क्या जवाब दिया?
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में मौजूद है और दावे और आपत्तियों के लिए समय निर्धारित किया गया है।