क्या लातूर में विषदंत विहीन नाग लेकर भीख मांगने वाले लोग पकड़े गए?
सारांश
Key Takeaways
- लातूर में विषदंत विहीन नाग को लेकर भीख मांगने वाले लोग पकड़े गए।
- वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए नाग को बरामद किया।
- नाग का इलाज किया जा रहा है और उसकी स्थिति में सुधार हो रहा है।
- यह घटना वन्यजीवों के संरक्षण की आवश्यकता को दर्शाती है।
- स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है।
लातूर, २७ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के लातूर जिले के औसा शहर में सर्पमित्रों और वन विभाग की एक संयुक्त टीम ने सांप लेकर भीख मांगने वाले लोगों को गिरफ्तार किया है। वन विभाग को इनके पास से विष दंत विहीन नाग प्राप्त हुआ।
वन्यजीवों का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक जीवित नाग को बरामद किया गया। इस नाग के दांत निकाल दिए गए थे और कुछ लोग इसे लेकर भीख मांगते घूम रहे थे।
दिवाली के दौरान औसा शहर में कुछ लोग एक दंतविहीन नाग को लेकर सड़कों पर घूम रहे थे। वे इसे अपनी आजीविका के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। सूचना मिलते ही सर्पमित्रों और वन विभाग की टीम ने मौके पर छापा मारा और नाग को इन लोगों के चंगुल से छुड़ा लिया। नाग की हालत गंभीर थी, क्योंकि उसके विषदंत पूरी तरह से निकाल दिए गए थे।
बरामदगी के बाद नाग को लातूर में सर्पमित्र भीमाशंकर गाढवे और पशुचिकित्सक डॉक्टर नेताजी शिंगटे की देखरेख में इलाज के लिए भेजा गया। डॉक्टरों के अनुसार, नाग के प्राकृतिक दांत फिर से उगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसमें शुरुआती सफलता मिली है। नाग के नए दांत लगभग दो मिलीमीटर तक बढ़ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा।
डॉक्टर शिंगटे ने बताया, “नाग अब बेहतर प्रतिक्रिया दे रहा है। हम उसे कृत्रिम तरीके से खाना और दवाएं दे रहे हैं। उसके दांतों का वापस आना सकारात्मक संकेत है।”
वन विभाग ने इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, क्योंकि वन्यजीवों का इस तरह इस्तेमाल करना गैरकानूनी है।
स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई की तारीफ की है और विभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने की अपील की है। वन विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वे वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों की सूचना तुरंत दें।