क्या लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने ‘नाइट रेडर्स’ स्क्वाड्रन का दौरा किया?
सारांश
Key Takeaways
- लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ का नाइट रेडर्स स्क्वाड्रन दौरा
- नई तकनीकी इनोवेशन की समीक्षा
- काउंटर-ड्रोन तकनीक का महत्व
- रात के अंधेरे में सुरक्षा बढ़ाने के उपाय
- युवाओं के लिए प्रेरणादायक उदाहरण
पुणे, २२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सदर्न कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने हाल ही में भारतीय थल सेना की प्रसिद्ध नाइट रेडर्स एविएशन स्क्वाड्रन का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने यूनिट द्वारा विकसित नई तकनीकी इनॉवेशन और युद्धक्षेत्र में इनकी उपयोगिता का विस्तृत अध्ययन किया।
यूनिट ने आर्मी कमांडर को अपने दो प्रमुख इनोवेशन दिखाए। पहला, दुश्मन के ड्रोनों का तुरंत पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने की काउंटर-ड्रोन तकनीक है। दूसरा, हेलिकॉप्टर्स के ऑपरेशनल कंट्रोल को इतना बेहतर बनाना है कि रात के अंधेरे में भी पायलट सटीक हमला कर सकें और अपने जवानों को सुरक्षित वापस ला सकें। ये दोनों तकनीकें यूनिट ने स्वयं डिजाइन और विकसित की हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ को जानकारी दी गई कि ये नई तकनीकें अब वास्तविक युद्ध क्षेत्र में उपयोग में लाई जा रही हैं, जिससे हमले की गति और सटीकता में कई गुना वृद्धि हुई है। इसके साथ ही रखरखाव का कार्य सरल हुआ है, ईंधन की बचत हो रही है और पायलटों को कम समय में कठिन ऑपरेशन्स करने की क्षमता प्राप्त हुई है।
दौरे के अंत में, आर्मी कमांडर ने पूरी यूनिट के समक्ष अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नाइट रेडर्स स्क्वाड्रन ने जिस मेहनत और पेशेवर तरीके से इनोवेशन किए हैं, वह पूरे सदर्न कमांड के लिए गर्व का विषय है। सीमा पर २४ घंटे तत्पर रहने, रात में भी खतरनाक मिशन सफलतापूर्वक संपन्न करने और हर जिम्मेदारी को बिना किसी चूक के निभाने के लिए उन्होंने सभी अधिकारियों और जवानों को हार्दिक बधाई दी।
इस अवसर पर स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ने लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ को यूनिट की क्रेस्ट और स्मृति चिह्न भेंट किया। सदर्न कमांड के अंतर्गत आने वाली नाइट रेडर्स स्क्वाड्रन पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर सबसे सक्रिय एविएशन यूनिटों में से एक है और देश की सुरक्षा में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।