क्या लखनऊ में अमित शाह ने एयरपोर्ट पर एफटीआई-टीटीपी की शुरुआत की, जिससे इमिग्रेशन प्रक्रिया होगी आसान?

सारांश
Key Takeaways
- एफटीआई-टीटीपी का शुभारंभ लखनऊ एयरपोर्ट पर हुआ।
- यात्रियों के लिए इमिग्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
- विशेष काउंटरों का अनावरण किया गया।
- पंजीकरण प्रक्रिया अब ऑनलाइन उपलब्ध है।
- यह पहल सुरक्षा और दक्षता को सुनिश्चित करेगी।
लखनऊ, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (सीसीएसआईए) पर यात्रियों की सुविधा को और बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। गृह मंत्रालय के इमिग्रेशन ब्यूरो द्वारा फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन-ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (एफटीआई-टीटीपी) का शुभारंभ बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया।
इस अवसर पर उन्होंने एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर स्थापित विशेष काउंटरों का अनावरण भी किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय पासपोर्ट धारकों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों के लिए इमिग्रेशन प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाना है।
इस नई सुविधा के लागू होने से यात्रियों को काउंटरों पर तेज निकासी की सुविधा मिलेगी और भीड़भाड़ में कमी आएगी। सीसीएसआईए ने इसे अपनाकर एक बार फिर यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
अधिकारियों का कहना है कि हवाई अड्डे पर एफटीआई-टीटीपी केवल सुगम यात्रा का रास्ता नहीं खोलेगा, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और दक्षता को भी सुनिश्चित करेगा।
इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा तकनीकी टूल्स के साथ-साथ ट्रस्ट मल्टीप्लायर का काम करने पर बल दिया है, और आज का कार्यक्रम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सपने - स्पीड, स्केल और स्कोप को एफटीआई-टीटीपी में समाहित कर यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के प्रयास का अगला चरण आज से शुरू हो रहा है।
गृह मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और आव्रजन ब्यूरो के सहयोग से इस कार्यक्रम का विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। पंजीकरण प्रक्रिया के लिए इच्छुक व्यक्ति आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के बाद इमिग्रेशन ब्यूरो द्वारा सत्यापन कर ‘विश्वसनीय यात्रियों’ की श्वेतसूची बनाई जाएगी।
इसके पश्चात चयनित प्रतिभागियों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) या हवाई अड्डे पर नामांकन केंद्रों पर बायोमेट्रिक डेटा देना होगा।
सीसीएसआईए प्रबंधन का कहना है कि यह पहल भारत की विमानन प्रणाली में नवाचार को बढ़ावा देगी और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को सहज बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेगी।