क्या मध्य प्रदेश में 'पीएम जनमन योजना' के तहत आदिवासियों को 'मोबाइल मेडिकल यूनिट' की सुविधा मिल रही है?

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क्या मध्य प्रदेश में 'पीएम जनमन योजना' के तहत आदिवासियों को 'मोबाइल मेडिकल यूनिट' की सुविधा मिल रही है?

सारांश

क्या आपको पता है कि मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए 'पीएम जनमन योजना' के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? यह योजना विशेष रूप से सहरिया आदिवासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

Key Takeaways

  • मोबाइल मेडिकल यूनिट आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं।
  • इन यूनिटों में उन्नत चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।
  • प्राथमिक उपचार के साथ जानकारी भी प्रदान की जाती है।
  • मध्य प्रदेश में सहरिया आदिवासियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है।
  • यूनिटों में डॉक्टर, नर्स और लैब टेक्नीशियन होते हैं।

विदिशा, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं, जो देश के पिछड़े वर्ग और आदिवासी समाज को ध्यान में रखती हैं। इसी दिशा में, मध्य प्रदेश के विदिशा में 'पीएम जनमन योजना' के अंतर्गत 'मोबाइल मेडिकल यूनिट' की सुविधा शुरू की गई है।

केंद्र सरकार ने जिले के सहरिया आदिवासियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की पहल की है। इस क्रम में, 'पीएम जनमन योजना' के तहत 10 मेडिकल मोबाइल यूनिट एम्बुलेंस की शुरुआत हुई है, जो पिछले वर्ष से यहां कार्यरत हैं। ये यूनिट गांव-गांव जाकर सहरिया आदिवासी समाज के लोगों को स्वास्थ्य उपचार प्रदान करती हैं।

इन मोबाइल मेडिकल यूनिट में जीपीएस से लैस आधुनिक उपकरण शामिल हैं, जैसे कि सक्शन मशीन, ऑटोस्कोप, एक्स-रे मशीन, स्ट्रेचर, और ऑक्सीजन सिलेंडर। प्रत्येक यूनिट में एक डॉक्टर और चार सहायक होते हैं।

स्वास्थ्य कर्मी लक्की शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश की तीन प्रमुख जनजातियों में बैगा, भारिया, और सहरिया शामिल हैं, जिन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए ये यूनिट उनके घरों तक पहुंच रही हैं। आदिवासी इलाकों में, जहां अस्पताल दूर हैं या लोग जानकारी के अभाव में इलाज कराने नहीं जाते, ये यूनिट न केवल जानकारी देती हैं, बल्कि प्राथमिक उपचार भी प्रदान करती हैं।

उन्होंने आगे कहा, "मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में सिर्फ 4-5 यूनिट लगाई गई हैं। इनमें थ्रोट और ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग होती है। यदि किसी में इस प्रकार के लक्षण होते हैं, तो उन्हें सही समय पर जानकारी देकर बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इन यूनिटों में डॉक्टर, नर्स और लैब टेक्नीशियन समेत 6 लोग होते हैं। टीबी, शुगर, और बीपी की भी जांच की जाती है। ये यूनिट महीने में 2-3 बार आदिवासी इलाकों में जाकर लोगों की जांच करती हैं और उन्हें दवाएं भी देती हैं।

Point of View

यह कहना उचित है कि सामाजिक कल्याण की दिशा में उठाए गए कदमों की देश में अत्यधिक आवश्यकता है। 'पीएम जनमन योजना' जैसी पहलें आदिवासी समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं। सरकार को इस दिशा में और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

मोबाइल मेडिकल यूनिट का उद्देश्य क्या है?
इन यूनिट का उद्देश्य आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना और लोगों को प्राथमिक उपचार प्रदान करना है।
क्या ये यूनिट सभी आदिवासी गांवों में जाती हैं?
हाँ, ये यूनिट गांव-गांव जाकर सहरिया आदिवासी समाज के लोगों का स्वास्थ्य उपचार करती हैं।
इन यूनिटों में कौन-कौन से चिकित्सा उपकरण शामिल हैं?
इन यूनिटों में सक्शन मशीन, ऑटोस्कोप, एक्स-रे मशीन, स्ट्रेचर, और ऑक्सीजन सिलेंडर शामिल हैं।
क्या इन यूनिटों में डॉक्टर होते हैं?
जी हाँ, प्रत्येक यूनिट में एक डॉक्टर और चार सहायक होते हैं।
ये मोबाइल मेडिकल यूनिट कितनी बार काम करती हैं?
ये यूनिट महीने में 2-3 बार आदिवासी इलाकों में जाकर लोगों की जांच करती हैं।