क्या शरद पूर्णिमा पर हर्षा रिछारिया, छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री और निर्भय वाधवा ने महाकाल के दर्शन किए?

सारांश
Key Takeaways
- शरद पूर्णिमा का महत्व चंद्रमा की किरणों में है।
- महाकाल मंदिर में भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिला।
- छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री और मशहूर हस्तियों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए।
- भक्तों ने सुख और समृद्धि की कामना की।
- मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारू रखा।
उज्जैन, ६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शरद पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिला। इस विशेष दिन पर छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया और टीवी अभिनेता निर्भय वाधवा ने अपने परिवार के साथ बाबा महाकाल के दर्शन किए।
सोमवार को मंदिर का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया, जहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ ने इस खास पल को और भी यादगार बना दिया।
शरद पूर्णिमा की सुबह इन तीनों हस्तियों ने महाकाल मंदिर में भस्म आरती में भाग लिया। नंदी मंडप में बैठकर उन्होंने बाबा महाकाल की दिव्य आरती का सौभाग्य प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री ने बाबा महाकाल के प्रति अपनी गहरी आस्था प्रकट की, जिससे मंदिर में उपस्थित भक्तों में उत्साह का संचार हुआ।
सोशल मीडिया पर अपनी सकारात्मक और प्रेरणादायक पोस्ट के लिए मशहूर हर्षा रिछारिया भी इस खास अवसर पर महाकाल के दर्शन करने आईं। हर्षा पहले भी कई बार उज्जैन आ चुकी हैं और उनकी बाबा महाकाल के प्रति अटूट श्रद्धा किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने भस्म आरती के दौरान बाबा का आशीर्वाद लिया और इसे अपने जीवन का एक अद्वितीय अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि महाकाल की कृपा से उन्हें हमेशा सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
वहीं, टीवी धारावाहिकों में 'हनुमान' के किरदार से पहचान बनाने वाले अभिनेता निर्भय वाधवा अपने परिवार के साथ मंदिर पहुंचे। भस्म आरती में शामिल होने के बाद उन्होंने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। निर्भय ने बताया कि उज्जैन का महाकाल मंदिर उनके लिए हमेशा से एक विशेष स्थान रहा है और शरद पूर्णिमा जैसे पवित्र दिन पर यहाँ आना उनके लिए सौभाग्य की बात है।
यह संयोग बेहद खास था कि अलग-अलग क्षेत्रों की ये तीनों हस्तियां एक ही समय पर बाबा महाकाल के दरबार में उपस्थित थीं। मंदिर में मौजूद अन्य श्रद्धालुओं ने भी इस अवसर को विशेष बताया और इन हस्तियों के साथ बाबा के दर्शन का आनंद लिया। मंदिर प्रशासन ने भी इस दौरान व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
शरद पूर्णिमा के इस अवसर पर महाकाल मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सभी बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए उत्साहित थे। मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया गया था, जिसने इस पवित्र दिन के उत्सव को और भव्य बना दिया। इस मौके पर भक्तों ने बाबा महाकाल से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृतमयी मानी जाती हैं।