क्या जीएसटी कटौती से महंगाई में गिरावट आई है?

सारांश
Key Takeaways
- खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में 1.54 प्रतिशत पर पहुंची।
- जीएसटी सुधारों ने महंगाई में कमी में योगदान दिया।
- खाद्य महंगाई दर -2.28 प्रतिशत रही।
- आवासीय मुद्रास्फीति 3.98 प्रतिशत रही।
- आरबीआई ने महंगाई के अनुमान में कमी की।
नई दिल्ली, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में गिरकर १.५४ प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह महंगाई का जून २०१७ के बाद सबसे कम स्तर है। यह जानकारी सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में दी गई है।
सितंबर में खुदरा महंगाई दर में अगस्त के मुकाबले ०.५३ प्रतिशत की कमी आई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बताया कि खाद्य महंगाई दर सितंबर में -२.२८ प्रतिशत रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दर -२.१७ प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में -२.४७ प्रतिशत रही है।
खाद्य महंगाई दर अगस्त में ०.६४ प्रतिशत थी।
महंगाई दर में कमी का मुख्य कारण जीएसटी सुधार को माना जा रहा है, जिससे देश में दैनिक उपभोग से लेकर गाड़ियों तक की कीमतों में कमी आई है।
सरकार ने बताया कि सितंबर में आवासीय मुद्रास्फीति ३.९८ प्रतिशत रही है, जो कि अगस्त में ३.०९ प्रतिशत थी। शिक्षा मुद्रास्फीति की दर सितंबर में ३.४४ प्रतिशत रही है, जो कि अगस्त में ३.६० प्रतिशत थी।
परिवहन और संचार में मुद्रास्फीति दर सितंबर में १.८२ प्रतिशत हो गई है, जो कि अगस्त में १.९४ प्रतिशत थी। ईंधन और ऊर्जा में खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में १.९८ प्रतिशत रही है, जो कि अगस्त में २.३२ प्रतिशत थी।
इस महीने की शुरुआत में आरबीआई एमपीसी के फैसलों का ऐलान करते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष २६ के लिए महंगाई दर का अनुमान घटा दिया है।
केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष २६ (चालू वित्त वर्ष) के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर २.६ प्रतिशत कर दिया, जो कि अगस्त में ३.१ प्रतिशत था।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को २.१ प्रतिशत से घटाकर १.८ प्रतिशत, तीसरी तिमाही के अनुमान को ३.१ प्रतिशत से घटाकर १.८ प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए ४ प्रतिशत कर दिया गया है।
आरबीआई ने अनुमान में आगे बताया कि वित्त वर्ष २७ की पहली तिमाही में महंगाई ४.५ प्रतिशत रह सकती है।