क्या महाराष्ट्र में एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित होगा?

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क्या महाराष्ट्र में एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित होगा?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि महाराष्ट्र एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर बनने जा रहा है? मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि नए प्रोजेक्ट से रोजगार और विकास को बढ़ावा मिलेगा। जानिए इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में और कैसे यह राज्य को वैश्विक मानचित्र पर लाएगा।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र में स्थापित होगा एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर.
  • इस प्रोजेक्ट में 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश होगा.
  • 30,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे.
  • प्रोजेक्ट का संचालन एमएमआरडीए और ब्रुकफील्ड द्वारा किया जाएगा.
  • 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा का उपयोग होगा.

मुंबई, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र की विविध प्रतिभा, मजबूत बुनियादी संरचना और व्यवसाय-अनुकूल वातावरण के कारण राज्य ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) के लिए तेजी से अग्रणी गंतव्य बन रहा है। इस वर्ष घोषित नई जीसीसी नीति राज्य में उच्च मूल्य के, कौशल-आधारित रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी, यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कही।

ब्रुकफील्ड कंपनी ने मुंबई के पवई में 6 एकड़ भूमि पर 20 लाख वर्गफुट के भव्य और लीज आधारित निर्मित प्रोजेक्ट की घोषणा की है। इसी परिसर में एक बहुराष्ट्रीय बैंक का एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) स्थापित किया जाएगा। यह अनुबंध 20 वर्षों के लिए किया गया है।

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इन विशाल प्रोजेक्ट्स से महाराष्ट्र की प्रगति को लेकर वैश्विक स्तर पर भरोसा और अधिक मजबूत हुआ है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ राज्य सरकार एक स्थिर और सक्षम वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह प्रोजेक्ट 2029 तक पूर्ण होगा और इसमें 1 अरब डॉलर से अधिक निवेश होने की अपेक्षा है। साथ ही 30,000 से अधिक रोजगार भी उत्पन्न होंगे। परियोजना का संचालन मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और ब्रुकफील्ड के संयुक्त नेतृत्व में, भागीदार बीएस शर्मा के सहयोग से किया जाएगा, ऐसा मुख्यमंत्री ने बताया।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा कि यह परियोजना महाराष्ट्र के निवेशक-अनुकूल वातावरण पर वैश्विक कंपनियों के बढ़ते विश्वास को रेखांकित करती है। प्रोजेक्ट में 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा और भवन को सर्वोत्तम वैश्विक सतत निर्माण मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा। इससे मुंबई की स्थिति जीसीसी हब के रूप में और मजबूत होगी।

ब्रुकफील्ड ने 2024 में पुणे में एक बड़ी वित्तीय सेवा कंपनी के लिए ‘बिल्ड-टू-सूट’ टॉवर का निर्माण किया था। इसी वर्ष कंपनी ने एमएमआरडीए के साथ 12 अरब डॉलर के निवेश का एमओयू भी किया। जून 2025 में ब्रुकफील्ड ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में 2.1 एकड़ भूमि खरीदी है।

ब्रुकफील्ड के वरिष्ठ निवेश अधिकारी अंकुर गुप्ता ने कहा, “यह एक आइकॉनिक प्रोजेक्ट होगा जो एशिया में ऑफिस डेवलपमेंट के क्षेत्र में नया मानदंड स्थापित करेगा। मुंबई में हमारी कुल निवेश राशि अब 4 अरब डॉलर से अधिक हो गई है। उच्च गुणवत्ता वाले, टिकाऊ और आधुनिक कार्यस्थलों के निर्माण के लिए ब्रुकफील्ड प्रतिबद्ध है।”

ब्रुकफील्ड भारत के सबसे बड़े ऑफिस मालिकों और ऑपरेटरों में से एक है, जो देश के सात शहरों में लगभग 55 मिलियन वर्ग फुट क्षेत्र का प्रबंधन करता है। उच्च-गुणवत्ता वाले ग्रेड-ए प्रोजेक्ट्स के निर्माण और संचालन में कंपनी का निरंतर सिद्ध अनुभव है। पवई में प्रस्तावित इस प्रोजेक्ट को उत्कृष्ट कनेक्टिविटी, सामाजिक सुविधाओं और विशाल कुशल मानव संसाधन का लाभ मिलेगा।

Point of View

यह परियोजना न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। वैश्विक कंपनियों का विश्वास बढ़ाना और उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार का सृजन करना, यह दोनों ही पहलू इसे एक महत्वपूर्ण समाचार बनाते हैं।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर क्या है?
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर एक ऐसा केंद्र है जो वैश्विक स्तर पर विभिन्न व्यवसायों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कौशल और संसाधनों का उपयोग करता है।
यह प्रोजेक्ट कब पूरा होगा?
यह प्रोजेक्ट 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इस प्रोजेक्ट में कितना निवेश होगा?
इस प्रोजेक्ट में 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश होने की संभावना है।
इससे कितने रोजगार उत्पन्न होंगे?
इससे 30,000 से अधिक नए रोजगार उत्पन्न होंगे।
ब्रुकफील्ड कंपनी के बारे में क्या जानकारी है?
ब्रुकफील्ड भारत के सबसे बड़े ऑफिस मालिकों और ऑपरेटरों में से एक है, जो देश के प्रमुख शहरों में बड़े प्रोजेक्ट्स का प्रबंधन करता है।
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