क्या महाराष्ट्र ने ओबीसी वर्ग के लिए नई उप-समिति बनाई है जिसमें चंद्रशेखर बावनकुले होंगे अध्यक्ष?

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क्या महाराष्ट्र ने ओबीसी वर्ग के लिए नई उप-समिति बनाई है जिसमें चंद्रशेखर बावनकुले होंगे अध्यक्ष?

सारांश

महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी वर्ग के विकास के लिए नई उप-समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता चंद्रशेखर बावनकुले करेंगे। समिति का उद्देश्य ओबीसी समाज की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति को सुधारना है। इस समिति में प्रमुख दलों के सदस्य शामिल हैं।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी के विकास के लिए उप-समिति का गठन किया है।
  • समिति की अध्यक्षता चंद्रशेखर बावनकुले करेंगे।
  • समिति में कुल 8 सदस्य शामिल हैं।
  • उद्देश्य: ओबीसी समाज की स्थिति का आकलन करना।
  • समिति स्थानीय स्तर पर जांच करेगी।

मुंबई, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण के लिए एक नई उप-समिति का गठन किया है। यह समिति ओबीसी वर्ग की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति को लेकर योजनाएं विकसित करेगी और उनके विकास हेतु प्रयास करेगी।

इस उप-समिति की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले करेंगे। समिति में कुल 8 सदस्य शामिल हैं, जो राज्य की तीन प्रमुख सत्ताधारी पार्टियों से आते हैं।

समिति के सदस्यों में छगन भुजबल (एनसीपी), गणेश नाइक (भाजपा), गुलाबराव पाटिल (शिवसेना), संजय राठौड़ (शिवसेना), पंकजा मुंडे (भाजपा), अतुल सावे (भाजपा) और दत्तात्रेय भराणे (एनसीपी) शामिल हैं। दलों के अनुसार, भाजपा से 4, शिवसेना से 2 और एनसीपी से 2 सदस्य हैं।

समिति का मुख्य उद्देश्य ओबीसी समाज की स्थिति का आकलन करना और उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाना है। इसमें शिक्षा, रोजगार, आर्थिक सशक्तीकरण और सामाजिक उत्थान जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

समिति की बैठकों में समाज के विभिन्न वर्गों की राय ली जाएगी और जमीनी स्तर पर जाकर समस्याओं की पहचान की जाएगी। इसके बाद सरकार को ठोस सिफारिशें भेजी जाएंगी ताकि नीति निर्माण में उनका उपयोग किया जा सके।

गौरतलब है कि मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर एक नया जीआर जारी किया, जिसके तहत मराठा समुदाय के पात्र व्यक्तियों को 'कुणबी', 'मराठा-कुणबी' या 'कुणबी-मराठा' के रूप में जाति प्रमाणपत्र जारी करने की स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित की गई है।

यह समिति स्थानीय स्तर पर संबंधित आवेदक की जांच करेगी। जिन लोगों के पास भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे 13 अक्टूबर 1967 से पहले के निवास का उल्लेख करते हुए शपथपत्र दे सकते हैं। समिति की जांच के बाद सक्षम प्राधिकारी जाति प्रमाणपत्र जारी करेगा।

Point of View

बल्कि यह महाराष्ट्र की सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देगा। सरकार का यह प्रयास सकारात्मक दिशा में एक कदम है जो समाज को संगठित करने में मदद करेगा।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

ओबीसी उप-समिति का गठन किस कारण से किया गया है?
ओबीसी वर्ग के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक विकास के लिए योजनाएं बनाने के उद्देश्य से उप-समिति का गठन किया गया है।
इस समिति के अध्यक्ष कौन हैं?
इस समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले हैं।
समिति में कितने सदस्यों को शामिल किया गया है?
समिति में कुल 8 सदस्य शामिल हैं।
समिति के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
समिति का मुख्य उद्देश्य ओबीसी समाज की स्थिति का आकलन करना और उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाना है।
समिति की जांच प्रक्रिया क्या होगी?
समिति स्थानीय स्तर पर संबंधित आवेदकों की जांच करेगी और समस्या की पहचान करेगी।