क्या मंडी में नाले के उफान ने गांव में तबाही मचाई?

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क्या मंडी में नाले के उफान ने गांव में तबाही मचाई?

सारांश

मंडी के थुनाग गांव में नाले के उफान से तबाही का मंजर देखने को मिला। प्रभावित परिवारों ने मदद की गुहार लगाई है। क्या सरकार इनकी सहायता करेगी? जानिए इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • नाले के उफान ने थुनाग गांव में तबाही मचाई।
  • प्रभावित परिवार राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
  • सरकार से पुनर्वास की मांग की गई है।
  • आसानी से समझ में आने वाले प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव।
  • स्थानीय निवासियों की आपबीती सुनना आवश्यक है।

मंडी, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग गांव में एक छोटे नाले के अचानक उफान ने कई घरों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। घरों में इतना पानी और मलबा भर गया है कि वहां रहने के लिए कोई भी स्थिति उपयुक्त नहीं है। प्रभावित परिवार राहत शिविरों और रिश्तेदारों के घरों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं। उनके पास केवल कुछ कपड़े ही बचे हैं।

थुनाग बाजार के निकट स्थित इस गांव में 30 जून की रात लगभग 11:30 बजे से 12:00 बजे के बीच ऐसी तबाही आई, जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। स्थानीय निवासियों के अनुसार, उस रात भारी बारिश के कारण नाला उफान पर आ गया, जिससे कई पक्के मकान मलबे में तब्दील हो गए।

आपदा का यह आलम था कि मलबा कई घरों की दूसरी मंजिल तक पहुंच गया। टूटे दीवारों के बीच फंसे विशाल पेड़ और भारी पत्थर यह दर्शाते हैं कि बाढ़ ने किस प्रकार तबाही मचाई। कई परिवारों की जीवनभर की पूंजी कुछ ही मिनटों में मलबे में दफन हो गई।

आपदा प्रभावित स्थानीय निवासी नंदा देवी और कांता देवी ने बताया कि उनका पूरा परिवार दशकों से इस गांव में रह रहा था। उस रात जब सभी लोग सो रहे थे, तभी अचानक नाले से तेज गर्जना की आवाजें आने लगीं और कुछ ही मिनटों में पानी और मलबा घर के भीतर घुस गया। हमें कुछ समझने का मौका नहीं मिला; बस अपनी जान बचाकर भागे। आज हमारे पास तन ढकने के कपड़ों के अलावा कुछ भी नहीं बचा।

वहीं, जमना देवी, जो पिछले 27 वर्षों से इसी गांव में निवास कर रही हैं, ने कहा कि उनके पति किडनी रोगी हैं। बाढ़ के कारण रास्ते बंद हो गए थे, अब जाकर सड़क खुली है और आज उन्हें इलाज के लिए जालंधर ले जाया गया है। हमारे लिए यह दोहरी मार है; हमारा घर उजड़ गया और बीमारी से जूझ रहे पति के इलाज की चिंता अलग।

इस आपदा में कुल 5 परिवारों के लगभग 25 से 30 लोग पूरी तरह बेघर हो गए हैं। सभी प्रभावितों ने सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें किसी सुरक्षित और स्थायी स्थान पर पुनर्वासित किया जाए। उनका कहना है कि जो कुछ भी था, वह सब कुछ इस आपदा में समाप्त हो गया है और अब भविष्य के प्रति केवल अनिश्चितता बाकी है।

Point of View

NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

थुनाग गांव में क्या हुआ?
थुनाग गांव में नाले के उफान से कई घर नष्ट हो गए और प्रभावित परिवार बेघर हो गए।
सरकार ने कैसे मदद की?
अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, प्रभावित परिवारों ने मदद की गुहार लगाई है।
क्या प्रभावित परिवारों के पास कुछ बचा है?
नहीं, प्रभावित परिवारों के पास केवल कुछ कपड़े ही बचे हैं।
इस आपदा में कितने लोग प्रभावित हुए?
इस आपदा में लगभग 25 से 30 लोग प्रभावित हुए हैं।
क्या लोगों को पुनर्वासित किया जाएगा?
प्रभावित परिवारों ने सरकार से पुनर्वास की मांग की है।