क्या मणिपुर में कोरोना के 29 नए मामले बढ़ने से कुल केस 82 हो गए?

सारांश
Key Takeaways
- मणिपुर में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
- स्वास्थ्य अधिकारियों ने सतर्कता की अपील की है।
- राज्यपाल ने तैयारियों की समीक्षा की।
- महिला का मामला पहली बार सामने आया।
- आवश्यक स्वास्थ्य संसाधनों पर चर्चा की गई।
इंफाल, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। शुक्रवार को मणिपुर के तीन जिलों में कोविड-19 के 29 नए मामले सामने आए, जिसमें इंफाल पश्चिम भी शामिल है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्य में कुल मामलों की संख्या 82 हो गई है।
राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इंफाल घाटी के तीन जिलों में, जिसमें इंफाल पश्चिम (22), इंफाल पूर्व (6) और थौबल (1) शामिल हैं, 29 लोग कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए। अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को कुल 82 पॉजिटिव मामलों में से इंफाल पश्चिम जिले में 52, इंफाल पूर्व जिले में 21, बिष्णुपुर में 4, थौबल और टेंग्नौपाल में 2-2 और काकचिंग जिले में 1 मामला दर्ज किया गया।
मणिपुर में 9 जून को 23 वर्षीय एक महिला कोविड-19 से संक्रमित पाई गई, जो कि इस लहर में पूर्वोत्तर राज्य में पहला मामला था।
मणिपुर स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. चाम्बो गोनमेई ने बताया कि महिला बिष्णुपुर जिले की निवासी है, जिसमें कोविड जैसे लक्षण विकसित हुए थे। उसके नमूनों की जांच 5 जून को इंफाल के एक निजी क्लिनिक में की गई और नतीजे 9 जून को आए। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
इस बीच, मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने राजभवन में कोविड-19 पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मुख्य सचिव प्रशांत कुमार सिंह, राज्य स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल हुए।
संभवित कोविड-19 के फिर से उभरने की चिंताओं के मद्देनजर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हालिया निर्देशों के अनुरूप समीक्षा की गई।
राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने राज्यपाल को राज्य की तैयारियों के बारे में जानकारी दी, जिसमें निदान, सुरक्षात्मक उपकरण, ऑक्सीजन आपूर्ति, आईसीयू और आइसोलेशन वार्ड, आवश्यक दवाएं और आईडीएसपी-आईएचआईपी पोर्टल शामिल हैं। परीक्षण क्षमता, चिकित्सा आपूर्ति और अस्पताल की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल ने सक्रिय उपायों, पर्याप्त चिकित्सा बुनियादी ढांचे और सामुदायिक जागरूकता के महत्व पर जोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य किसी भी संभावित उछाल को संभालने के लिए तैयार रहे।