क्या मणिपुर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा बाइक रैली आयोजित की गई?

सारांश
Key Takeaways
- तिरंगा बाइक रैली ने देशभक्ति को बढ़ावा दिया।
- डीजीपी राजीव सिंह ने नशा तस्करों को चेतावनी दी।
- रैली का आयोजन राज्यपाल अजय कुमार भल्ला द्वारा किया गया।
- रैली का समापन खोंगजॉम युद्ध स्मारक में हुआ।
- पुलिस का रुख ड्रग्स के मामलों में सख्त है।
इंफाल, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आजादी के 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर मणिपुर में एक तिरंगा बाइक रैली का आयोजन किया गया। यह भव्य रैली आजादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत संचालित की गई, जिसे मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल ईस्ट के हप्ता कंगजेइबुंग से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली का समापन ऐतिहासिक खोंगजॉम युद्ध स्मारक (थौबल जिला) में हुआ।
इस रैली का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना, साथ ही स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों को याद करना था। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. पुनीत कुमार गोयल, सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, विभिन्न बाइकर्स क्लब के सदस्य और राज्य पुलिस बल के जवान उपस्थित रहे।
मीडिया से बात करते हुए डीजीपी राजीव सिंह ने लोगों की उपस्थिति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आपने देखा होगा कि लोगों ने किस उत्साह और ऊर्जा के साथ भाग लिया। उन्होंने मणिपुर के लोगों, सभी बाइकर्स क्लबों, पुलिसकर्मियों और राज्यपाल के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह रैली हमारे देश के लिए वर्षों से दिए गए बलिदानों की पहचान और स्मरण है, और यह हमें बार-बार सेवा करने के लिए प्रेरित करती है।
हाल ही में ड्रग्स से संबंधित एक मामले में पांच पुलिसकर्मियों, जिनमें एक सीडीओ इंस्पेक्टर भी शामिल हैं, के निलंबन पर पूछे गए सवाल पर डीजीपी ने कहा कि ड्रग्स के मामलों में पुलिस का रुख बेहद सख्त है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की समस्या केवल मणिपुर की नहीं, बल्कि पूरे उत्तर-पूर्व की है। चाहे वह पुलिसकर्मी हो या आम नागरिक, जो भी ड्रग्स में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह लड़ाई हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की है और यह किसी भी दबाव के बावजूद जारी रहेगी।
सूत्रों के अनुसार, जिन पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, वे एनएच-102 (भारत-म्यांमार मार्ग) पर अवैध ड्रग्स के साथ पकड़े गए तस्करों को 6 लाख रुपए की रिश्वत लेकर छोड़ने के आरोप में शामिल हैं, हालांकि जब्त ड्रग्स पुलिस के पास रखे गए।
निलंबित पुलिसकर्मियों में इंस्पेक्टर निंगथौजाम देवदास सिंह, जो कमांडो इंफाल ईस्ट के ऑफिसर-इन-चार्ज (ओसी) हैं, शामिल हैं। अन्य निलंबित कर्मियों में सब-इंस्पेक्टर बी देबसन सिंह और कांस्टेबल तारीक अजीज, जो दोनों कमांडो इंफाल ईस्ट से हैं, हेड कांस्टेबल मोहम्मद रकीब, जो कमांडो थौबल से हैं और जमादार मोहम्मद अमीन शाह, जो 7वीं मणिपुर राइफल्स (एमआर) बटालियन, खबेसोई से हैं, शामिल हैं।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 2013 में एसआई देबसन सिंह को टेंग्नौपाल जिले के मोरेह में 3 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की सूडोएफ़ेड्रिन टैबलेट्स ले जाते हुए पकड़ा गया था। इस मामले के बाद उनका मुख्यमंत्री वीरता पुरस्कार छात्र संगठन की सिफारिश पर वापस ले लिया गया था।
डीजीपी राजीव सिंह ने शुक्रवार को आदेश जारी कर इंस्पेक्टर देवदास को असम पुलिस मैनुअल पार्ट–3 के नियम 66 के तहत निलंबित किया और उन्हें निलंबन के दौरान एसपी इंफाल ईस्ट कार्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। वहीं, डीआईजी सोरखैबम गौतम सिंह ने देबसन, अजीज, रकीब और अमीन शाह को पुलिस अधिकारी के अनुरूप आचरण न करने और गंभीर कदाचार के आरोप में निलंबित किया। रविवार को एसएसपी इंफाल ईस्ट राकेश बलवाल ने देबसन और अजीज के तत्काल निलंबन के आदेश की पुष्टि की।