क्या इस दिन मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

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क्या इस दिन मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

सारांश

श्रावण मास की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। जानें इस दिन का सर्वार्थ सिद्धि योग और पूजा का शुभ मुहूर्त, जो आपके लिए अत्यधिक लाभदायक साबित हो सकता है। इस मौके पर भगवान कृष्ण की पूजा विधि को भी विस्तार से समझें।

Key Takeaways

  • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर महीने की अष्टमी को मनाई जाती है।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन का विशेष महत्व रखता है।
  • अभिजीत मुहूर्त का सही समय जानना आवश्यक है।
  • लड्डू गोपाल की पूजा विधि में विशेष ध्यान दें।
  • मोर पंख चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रावण मास की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सूर्य देव कर्क राशि में और चंद्रमा मेष राशि में स्थित होगा। दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से शुरू होकर शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय सुबह 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

सर्वार्थ सिद्धि योग तब बनता है जब कोई विशेष नक्षत्र किसी विशेष दिन के साथ जुड़ता है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है। इसका मुहूर्त 18 जुलाई को सुबह 5 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 19 जुलाई को सुबह 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से यश, कीर्ति, धन, ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वास्तव में, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ था। इसीलिए हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी गुरुवार की शाम 7 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर शुक्रवार की शाम 5 बजकर 1 मिनट तक रहेगा।

इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत रखने के लिए आप शुक्रवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें। घर के मंदिर में एक चौकी पर एक थाली में लड्डू गोपाल की प्रतिमा स्थापित करें। दक्षिणावर्ती शंख में पंचामृत भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। लड्डू गोपाल को पीले वस्त्र पहनाएं और पीले फूलों से उनका श्रृंगार करें।

मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करते हुए लड्डू गोपाल का आह्वान करें। "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। उन्हें तुलसी की माला, खीर, माखन, मिश्री और फल जैसी उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित करें। अंत में, लड्डू गोपाल के सामने देसी घी का दीपक जलाएं, आरती करके पूजा संपन्न करें। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के दौरान भगवान कृष्ण को मोर पंख चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जो परिवार के सदस्यों को बुरी नजर और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाती है।

Point of View

बल्कि इसके पीछे गहरी सांस्कृतिक परंपराएं भी हैं। इस दिन की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए भक्तों को अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक अवसर मिलता है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाती है?
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।
क्या इस दिन पूजा का कोई विशेष मुहूर्त है?
इस दिन का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर क्या पूजा करनी चाहिए?
इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा विधि से करनी चाहिए, जिसमें उनका अभिषेक और श्रृंगार शामिल है।
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