क्या मॉरीशस का प्रतिनिधिमंडल काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने आया?

सारांश
Key Takeaways
- मॉरीशस के प्रतिनिधिमंडल ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की।
- प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ यह यात्रा हुई।
- गंगा आरती का आध्यात्मिक अनुभव साझा किया गया।
- भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक बंधन हैं।
- यह यात्रा द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने में सहायक है।
वाराणसी, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मॉरीशस का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने आया। इससे पूर्व, मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भी इस मंदिर में दर्शन किया।
मॉरीशस से आए एक प्रतिनिधि ने कहा, "यह एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला क्षण था और हम बेहद उत्साहित हैं।"
गुरुवार को, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने वाराणसी में गंगा आरती का भी दर्शन किया था। विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी साझा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि पवित्र गंगा के साथ जुड़ाव का अनुभव करें। इस आध्यात्मिक अनुभव ने भारत और मॉरीशस के बीच के परंपरागत बंधन को उजागर किया। उन्होंने नवीनचंद्र रामगुलाम की तस्वीरें भी साझा कीं।
नवीनचंद्र रामगुलाम भारत की 8 दिवसीय यात्रा पर हैं, जो 9 से 16 सितंबर तक चल रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामगुलाम के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि संस्कृति और संस्कार सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुंचे और वहां की जीवन धारा में रच-बस गए। काशी में माँ गंगा के प्रवाह की तरह भारतीय संस्कृति का सतत प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है।
उन्होंने कहा, "जब हम मॉरीशस के दोस्तों का स्वागत काशी में कर रहे हैं, यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आत्मिक मिलन है। मैं गर्व से कहता हूं कि भारत और मॉरीशस केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं।"
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा की।