क्या पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह की टिप्पणी पर मायावती की तीखी प्रतिक्रिया है?
सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक बयानबाजी पर प्रतिक्रिया देना आवश्यक है।
- सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले बयानों की निंदा होनी चाहिए।
- सरकार को सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
लखनऊ, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सिद्धार्थनगर के डोमरियागंज से पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह की विवादास्पद टिप्पणी ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान निंदनीय हैं।
मायावती ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य राज्यों में 'धर्म परिवर्तन' और 'लव जिहाद' जैसे नामों का उपयोग करना सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बयान सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं और लोगों के जान-माल पर खतरा बनते हैं।
राघवेंद्र प्रताप सिंह की विवादास्पद टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "इस संकीर्ण और घृणित बयान के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी धर्म परिवर्तन और लव जिहाद जैसे मुद्दों के खिलाफ कानून को अपने हाथ में लेना एक अति-निंदनीय हिंसात्मक खेल है।"
उन्होंने कहा कि ऐसे आपराधिक और अराजक तत्व सभ्य सरकार के लिए एक खुली चुनौती हैं। मायावती ने सरकार से मांग की कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि राज्य की करोड़ों जनता के हितों की रक्षा की जा सके।
इससे पहले, राघवेंद्र प्रताप सिंह की टिप्पणी पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि सत्ता के लालच में कुछ लोग समाज की एकता और संविधान को ताक पर रख चुके हैं।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर लिखा, "10 मुस्लिम लड़कियों को लाओ, नौकरी का इंतजाम मैं करूंगा। यह शर्मनाक बयान भाजपा के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने दिया है। धर्म के नाम पर नफरत फैलाना और बेरोजगार युवाओं को भटकाना भाजपा की वास्तविक राजनीति बन चुकी है।"