क्या मेरठ के रेजिडेंसी कॉलोनी पर धार्मिक भेदभाव का आरोप सही है?

Click to start listening
क्या मेरठ के रेजिडेंसी कॉलोनी पर धार्मिक भेदभाव का आरोप सही है?

सारांश

मेरठ में अब्दुल्लाह रेजिडेंसी कॉलोनी पर धार्मिक भेदभाव के गंभीर आरोप लगे हैं। क्या यह सच है? जानिए राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर की जांच की मांग और कॉलोनी के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • धार्मिक भेदभाव के आरोपों ने मेरठ में हलचल पैदा कर दी है।
  • राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर ने जांच की मांग की है।
  • कॉलोनी में बिना अनुमति मस्जिद का निर्माण हो रहा है।
  • कॉलोनी के अधिकांश प्लॉट बिक चुके हैं, पर सवाल उठ रहे हैं।
  • राजनीतिक प्रतिक्रिया ने मुद्दे को और गहरा किया है।

मेरठ, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हापुड़ रोड पर स्थित अब्दुल्लाह रेजिडेंसी कॉलोनी पर धार्मिक भेदभाव के आरोपों ने एक बड़ा विवाद उत्पन्न कर दिया है। आरोप है कि इस कॉलोनी के अधिकांश प्लॉट मुसलमानों को बेचे गए हैं, जबकि हिंदू समुदाय के सदस्यों को प्लॉट खरीदने की अनुमति नहीं दी गई। हालांकि, कॉलोनी में इस प्रकार का कोई लिखित नोटिस, बोर्ड या पोस्टर नहीं है, लेकिन भूमि की खरीद-बिक्री को लेकर उठे सवालों ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है।

इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग तब लिया जब उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर ने इस पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। मेरठ के कमिश्नर को लिखे पत्र में उन्होंने कॉलोनी के नक्शे और निर्माण की विस्तृत जांच कराने की अपील की है। उनका आरोप है कि कॉलोनी में बिना नक्शा पास कराए मस्जिद का निर्माण हो रहा है, जो नियमों के खिलाफ है, और इसकी जांच आवश्यक है।

सोमेंद्र तोमर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि यदि आरोप सही पाए गए और कॉलोनी में अनियमितताएं सामने आईं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों में अपराधियों और गैंगस्टरों को संरक्षण दिया जाता था, लेकिन योगी सरकार में अपराधियों और माफियाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। धार्मिक आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव सहन नहीं किया जाएगा।

तोमर ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि हापुड़ रोड पर 'अब्दुल्लाह रेजिडेंसी' नामक कॉलोनी विकसित की जा रही है और उसमें मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इसके लिए अनुमति ली गई थी और क्या संबंधित नक्शा पास हुआ था। मंत्री ने यह भी दावा किया कि इस कॉलोनी का नाम एक गैंगस्टर के बेटे के नाम पर रखा गया है, जिसकी सत्यता की जांच की जाएगी।

जानकारी के अनुसार, अब्दुल्लाह कॉलोनी लगभग 22000 वर्ग मीटर में विकसित की जा रही है। इसमें 78 विला बनाए जा रहे हैं, जबकि 3020 वर्ग मीटर क्षेत्र को व्यवसायिक गतिविधियों के लिए निर्धारित किया गया है। बताया जा रहा है कि कॉलोनी के अधिकांश प्लॉट बिक चुके हैं, लेकिन खरीदारों की संख्या और उनके समुदाय को लेकर संदेह बढ़ रहा है।

कॉलोनी के निदेशकों में रिटायर्ड मेजर जनरल जावेद और महेंद्र गुप्ता शामिल हैं।

Point of View

बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी समुदायों के अधिकारों का सम्मान हो।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या अब्दुल्लाह रेजिडेंसी कॉलोनी में धार्मिक भेदभाव हो रहा है?
आरोप है कि कॉलोनी में ज्यादातर प्लॉट मुसलमानों को बेचे गए हैं, जबकि हिंदू समुदाय को प्लॉट खरीदने की अनुमति नहीं दी जा रही।
सोमेंद्र तोमर ने इस मामले पर क्या कहा?
सोमेंद्र तोमर ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई और उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
क्या कॉलोनी में मस्जिद का निर्माण नियमों के खिलाफ है?
तोमर का आरोप है कि कॉलोनी में बिना नक्शा पास कराए मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है।
कॉलोनी के निदेशक कौन हैं?
कॉलोनी के निदेशकों में रिटायर्ड मेजर जनरल जावेद और महेंद्र गुप्ता शामिल हैं।
क्या कॉलोनी में प्लॉट बिक चुके हैं?
जी हां, कॉलोनी के अधिकांश प्लॉट बिक चुके हैं, लेकिन खरीदारों की संख्या और उनके समुदाय को लेकर संदेह है।