क्या मिजोरम में 1.20 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त होने से तस्करी का नेटवर्क उजागर हुआ?

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क्या मिजोरम में 1.20 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त होने से तस्करी का नेटवर्क उजागर हुआ?

सारांश

मिजोरम में असम राइफल्स ने दो महिलाओं को गिरफ्तार कर 1.20 करोड़ रुपए की हेरोइन जब्त की। यह घटना मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। जानिए इस ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी और म्यांमार-भारत सीमा पर तस्करी की चुनौतियों के बारे में।

Key Takeaways

  • मिजोरम में 1.20 करोड़ रुपए की हेरोइन जब्त हुई।
  • दो महिलाएं गिरफ्तार हुईं हैं।
  • तस्करी का मुख्य केंद्र म्यांमार है।
  • सुरक्षा बलों की सतर्कता से कई बार तस्करों को पकड़ा गया है।
  • तस्करी से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

आइजोल, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। मिजोरम में मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में असम राइफल्स और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इन महिलाओं के पास से 1.20 करोड़ रुपए की हेरोइन बरामद की गई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि विशेष खुफिया सूचना के आधार पर असम राइफल्स और आबकारी एवं नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों ने शनिवार रात को चंफई जिले के जोतलांग इलाके में एक संयुक्त अभियान चलाया। यह क्षेत्र म्यांमार की सीमा से जुड़ा हुआ है। टीम ने गहन तलाशी के दौरान दो संदिग्ध महिलाओं को पकड़ा। इन महिलाओं के पास से 161.200 ग्राम हेरोइन बरामद की गई, जिसकी कीमत 1.20 करोड़ रुपए है।

एक अन्य घटना में, चंफई जिले के मेलबुक इलाके में बेहिसाब नकदी की आवाजाही के बारे में विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर असम राइफल्स और मिजोरम पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया और एक बोलेरो को रोका।

अर्धसैनिक बलों और मिजोरम पुलिस ने वाहन से 21,88,500 रुपए की नकदी बरामद की और वाहन चालक को भी गिरफ्तार कर लिया। बरामद ड्रग्स, नकदी राशि और गिरफ्तार व्यक्तियों को क्रमशः आबकारी और नारकोटिक्स विभाग और मिजोरम पुलिस को सौंप दिया गया।

इससे पहले, 20 जून को असम राइफल्स के जवानों ने पूर्वी मिजोरम के चम्फाई जिले से 29.4 लाख रुपए मूल्य की 39.2 ग्राम हेरोइन के साथ दो महिलाओं को गिरफ्तार किया था।

मेथेम्फेटामाइन की गोलियां और हेरोइन समेत कई प्रकार की नशीली दवाएं अक्सर म्यांमार से तस्करी करके भारत और बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में पूर्वोत्तर राज्यों के माध्यम से अवैध रूप से पहुंचाई जाती हैं।

म्यांमार, जो चार पूर्वोत्तर राज्यों - अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम के साथ 1,643 किलोमीटर की बिना बाड़ वाली सीमा साझा करता है, भारत में आने वाली नशीली दवाओं और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के लिए एक प्रमुख पारगमन बिंदु के रूप में कार्य करता है।

हालांकि, सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता के कारण अक्सर ड्रग्स जब्त किए जाते हैं और तस्करों को गिरफ्तार किया जाता है। म्यांमार का चिन प्रांत विभिन्न प्रकार की ड्रग्स, विदेशी वन्यजीवों और कई अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी का केंद्र है।

Point of View

हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि मिजोरम में मादक पदार्थों की तस्करी एक गंभीर मुद्दा है। हालांकि सुरक्षाबलों की सतर्कता से कई बार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इस समस्या का समाधान करने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

मिजोरम में ड्रग्स की तस्करी के मामले में क्या हुआ?
असम राइफल्स ने मिजोरम में दो महिलाओं को गिरफ्तार कर 1.20 करोड़ रुपए की हेरोइन जब्त की है।
मादक पदार्थों की तस्करी का मुख्य कारण क्या है?
म्यांमार से भारत में अवैध रूप से दवाओं की तस्करी का मुख्य कारण है, जो आर्थिक और सामाजिक समस्याओं को जन्म देता है।
क्या मिजोरम में ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए कोई कदम उठाए जा रहे हैं?
हाँ, सुरक्षा बलों द्वारा नियमित अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि तस्करों को पकड़ा जा सके और ड्रग्स जब्त किए जा सकें।
म्यांमार और भारत के बीच सीमा पर तस्करी की स्थिति क्या है?
म्यांमार और भारत के बीच की सीमा तस्करी के लिए एक प्रमुख बिंदु है, जहां से कई नशीली दवाएं अवैध रूप से प्रवाहित होती हैं।
क्या मिजोरम में ड्रग्स के मामलों में वृद्धि हो रही है?
हाँ, मिजोरम में ड्रग्स के मामलों में वृद्धि हो रही है, और सुरक्षा बलों द्वारा इसे रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।