क्या प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद एंड टोबैगो यात्रा ने ऐतिहासिक संबंधों में नई ऊर्जा भरी?

Click to start listening
क्या प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद एंड टोबैगो यात्रा ने ऐतिहासिक संबंधों में नई ऊर्जा भरी?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद एंड टोबैगो यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी। इस यात्रा में सांस्कृतिक, व्यापारिक और स्वास्थ्य क्षेत्रों में मजबूत सहयोग की नींव रखी गई। जानिए इस यात्रा के मुख्य पहलुओं और इसके महत्व को।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच संबंधों को नई दिशा दी।
  • दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा, और संस्कृति में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
  • त्रिनिदाद ने यूपीआई प्रणाली को अपनाया, जो इस क्षेत्र का पहला ऐसा उदाहरण है।
  • इस यात्रा के दौरान 2000 लैपटॉप और कृषि मशीनरी की सहायता की गई।
  • दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार और जलवायु न्याय पर बल दिया।

नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 और 4 जुलाई को त्रिनिदाद एंड टोबैगो का औपचारिक दौरा किया। यह यात्रा पिछले 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी।

यह दौरा विशेष रूप से 1845 में भारतीयों के पहली बार त्रिनिदाद आगमन की 180वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया, जिससे इस यात्रा को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर के निमंत्रण पर हुई इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी को देश का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान, "ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो" प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें भारत और वैश्विक मंच पर उनके नेतृत्व और योगदान के लिए दिया गया।

दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने व्यापक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। बातचीत में स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, खेल, व्यापार, कृषि, न्यायिक सहयोग, आईसीटी और स्किल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी को और गति देने पर सहमति बनी।

भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली को अपनाने वाला त्रिनिदाद एंड टोबैगो कैरेबियन क्षेत्र का पहला देश बना, जिसकी प्रधानमंत्री मोदी ने सराहना की। दोनों देशों ने इंडिया स्टैक के तहत डिजिलॉकर, ई-साइन और जीईएम जैसे प्लेटफॉर्म पर सहयोग बढ़ाने की बात कही। त्रिनिदाद ने राज्य भूमि पंजीकरण प्रणाली के डिजिटलीकरण में भारत से सहायता मांगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की डिजिटल शिक्षा योजना को समर्थन देने के लिए 2 हजार लैपटॉप भेंट किए। साथ ही उन्होंने स्थानीय छात्रों को भारत के विभिन्न छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के तहत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया।

भारत ने त्रिनिदाद की राष्ट्रीय कृषि विपणन और विकास निगम को 10 लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य की कृषि मशीनरी की सहायता दी। प्राकृतिक खेती, समुद्री शैवाल आधारित उर्वरक, और बाजरा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भी भारत सहयोग करेगा।

भारत ने 20 हीमोडायलिसिस यूनिट और 2 समुद्री एम्बुलेंस दान की हैं। साथ ही, 800 लोगों के लिए कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर आयोजित करने की घोषणा की गई। त्रिनिदाद सरकार द्वारा इंडियन फार्माकोपिया की मान्यता से दोनों देशों के बीच फार्मा क्षेत्र में सहयोग और गहरा होगा।

संस्कृति के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद के पुजारियों को भारत में प्रशिक्षण देने की घोषणा की, जो गीता महोत्सव में भाग लेंगे। दोनों देशों ने इस उत्सव को भारत और त्रिनिदाद दोनों में संयुक्त रूप से मनाने पर सहमति व्यक्त की। महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कल्चरल कोऑपरेशन के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों को 2025-28 तक के लिए नवीन समझौता किया गया।

खेलों में, विशेष रूप से क्रिकेट को लेकर साझा उत्साह का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद की महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को भारत में प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव भी दोहराया।

त्रिनिदाद का ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) में शामिल होना भारत की "मिशन लाइफ" पहल के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत त्रिनिदाद के विदेश मंत्रालय के मुख्यालय पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाने के लिए सहायता प्रदान करेगा।

त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया, वहीं भारत ने 2027-28 के लिए त्रिनिदाद की गैर-स्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी का समर्थन किया। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार, वैश्विक दक्षिण की आवाज को बल और शांतिजलवायु न्याय की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि त्रिनिदाद में बसे भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी तक को ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्ड जारी किए जाएंगे। साथ ही, नेल्सन आइलैंड को संस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और भारतीय आगमन रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज करने पर सहमति बनी।

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की जनता और सरकार का सद्भावना और अतिथि सत्कार के लिए आभार प्रकट किया और प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर को भारत आने का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं ने इस सफल यात्रा को भारत-त्रिनिदाद संबंधों के एक नए युग की शुरुआत बताया और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित एक मजबूत, समावेशी और भविष्यदर्शी साझेदारी की प्रतिबद्धता दोहराई।

Point of View

बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका को भी प्रदर्शित करती है। ऐसे समय में जब दुनिया के कई देशों में राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियाँ हैं, प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा एक नई दिशा दिखाता है।
NationPress
22/07/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाना था।
इस यात्रा में क्या-क्या प्रमुख घोषणाएँ की गईं?
इस यात्रा में 2000 लैपटॉप भेंट करने, कृषि मशीनरी की सहायता, और त्रिनिदाद में भारतीय प्रवासियों को OCI कार्ड जारी करने की घोषणाएँ की गईं।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने भारत का किन मुद्दों पर समर्थन किया?
त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया।
क्या इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार में वृद्धि होगी?
हाँ, इस यात्रा के दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा, और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है, जिससे व्यापार में वृद्धि की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद में किस प्रकार की सहायता प्रदान की?
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद को डिजिटल शिक्षा योजना के लिए लैपटॉप, कृषि मशीनरी, और स्वास्थ्य सेवा के लिए हीमोडायलिसिस यूनिट प्रदान की।