क्या मोदी सरकार ने बीते 11 वर्षों में ऑयल और गैस सेक्टर में बड़ा बदलाव लाया है?

सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल इंडिया पहल ने ऑयल और गैस सेक्टर में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।
- फ्यूल स्टेशनों पर यूपीआई का उपयोग बढ़ा है।
- एलपीजी सिस्टम में डीबीटी लागू किया गया है।
- रिफाइनरियों में डिजिटल ट्विन और एआई का प्रयोग किया जा रहा है।
- सरकार ने ई-नीलामी के जरिए तेल और गैस की खोज को प्रोत्साहित किया है।
नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में देश के ऑयल और गैस सेक्टर में डिजिटल इंडिया पहल के माध्यम से महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इससे फ्यूल स्टेशनों से लेकर एलपीजी सिस्टम तक काफी स्मार्ट हो गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण डिजिटल इंडिया के माध्यम से हमारे ईंधन स्टेशन, रिफाइनरी और एलपीजी सिस्टम भी स्मार्ट हुए हैं। ईंधन पंपों पर यूपीआई से लेकर रिफाइनरियों में एआई तक, यह तकनीकी परिवर्तन वास्तविकता है और हर कदम पर दिखाई देता है।
इस पोस्ट के साथ केंद्रीय मंत्री ने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें बताया गया कि ऑयल और गैस सेक्टर में शांतिपूर्ण तरीके से बड़ा बदलाव आया है और पहले के मुकाबले तकनीक का उपयोग काफी बढ़ा है। वर्तमान में लगभग सभी फ्यूल स्टेशन ऑटोमेटेड हो चुके हैं और फ्यूल डिस्पेंसिंग यूनिट तथा स्टॉक को डिजिटल तरीके से नियंत्रित और मॉनिटर किया जा रहा है।
वीडियो में आगे बताया गया कि लगभग सभी फ्यूल स्टेशनों पर यूपीआई को स्वीकार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, एलपीजी सिस्टम में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) को लागू किया गया है, जिससे 3.48 लाख करोड़ रुपए बचाने में मदद मिली है।
इसके अलावा, रिफाइनरी में डिजिटल ट्विन और एआई के माध्यम से डाउनटाइम को कम किया गया है, जिससे आउटपुट बढ़ाने में सहायता मिली है। वहीं, ओएएलपी पोर्टल के माध्यम से सरकार ने ई-नीलामी के जरिए देश में तेल और गैस की खोज को प्रोत्साहित किया है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के 3.5 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर के तलछटी बेसिन में से एक मिलियन स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र को तेल और गैस खोज के लिए खोल दिया है, जो पहले हाइड्रोकार्बन खोज के लिए प्रतिबंधित था।
केंद्र मंत्री ने कहा था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण अब इस पूरे 'नो-गो' क्षेत्र को खोल दिया गया है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।"