क्या आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दिव्य गीता उत्सव में शामिल होंगे?
सारांश
Key Takeaways
- मोहन भागवत का लखनऊ दौरा आध्यात्मिकता के लिए महत्वपूर्ण है।
- दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव का उद्देश्य गीता के संदेशों को फैलाना है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
- उत्सव 'जियो गीता' अभियान का हिस्सा है।
- अयोध्या में भी महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित होगा।
नई दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत रविवार को दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में भाग लेंगे। यह एक विशाल आध्यात्मिक समागम है, जिसका उद्देश्य भगवद् गीता के सार्वभौमिक और जीवन को समृद्ध बनाने वाले संदेशों का प्रचार करना है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस समारोह में शामिल होंगे।
मोहन भागवत रविवार को अपने लखनऊ दौरे की शुरुआत करेंगे। लखनऊ में वे कई महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और संगठनात्मक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इसके बाद वे शाम को अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे।
सुबह 11:30 बजे वे जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचेंगे और वहां 'दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव' में भाग लेंगे। इस घटना में हजारों भक्त, विद्वान और प्रमुख लोग उपस्थित होंगे।
यह उत्सव 'श्रीकृष्ण कृपा जियो गीता परिवार, उत्तर प्रदेश' द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसका प्रेरणास्त्रोत पूज्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज हैं।
16 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संगठन ने तेजी से बढ़ते जियो गीता अभियान के दृष्टिकोण, उद्देश्य और विस्तार की योजनाओं की जानकारी दी। इसका लक्ष्य भारत और विदेशों में रहने वाले लोगों तक गीता की शिक्षा पहुंचाना है।
लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद, मोहन भागवत सीधे जियामऊ स्थित विश्व संवाद केंद्र कार्यालय जाएंगे, जहां वे कुछ समय पदाधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे और चल रही संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे।
इसके बाद, शाम को वे अयोध्या के लिए रवाना होंगे, जहां वे आरएसएस कार्यालय, साकेत निलयम में ठहरेंगे। 24 नवंबर को उनके अयोध्या के कार्यों में गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के मौके पर गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होना और उसे संबोधित करना शामिल है।
मोहन भागवत अयोध्या में विभिन्न साधुओं, संतों, बुद्धिजीवियों और संघ के पदाधिकारियों से भी मिलेंगे। मोहन भागवत उनसे आरएसएस के शताब्दी वर्ष के लिए योजना बनाए गए कार्यक्रमों से संबंधित तैयारियों और प्रगति की समीक्षा करने की उम्मीद कर रहे हैं, जिसे देशभर में विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक और संगठनात्मक प्रयासों के माध्यम से मनाया जाएगा।