क्या मुख्यमंत्री योगी ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जन्माष्टमी की बधाई दी और सनातन धर्म के संरक्षण पर जोर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री का धर्म के प्रति समर्पण
- सनातन धर्म की विरासत का संरक्षण
- आधुनिक विकास और सांस्कृतिक धरोहर का संतुलन
- गौ संरक्षण का महत्व
- सामाजिक एकता की आवश्यकता
मथुरा, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान का दौरा किया और यहाँ आए श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के धर्म के मार्ग पर चलने का आग्रह करते हुए लोकमंगल और राष्ट्र मंगल की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सनातन धर्म की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और आधुनिक विकास के बीच संतुलन बनाने की बात की। इसके साथ ही उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी साझा किया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पहुँचने के बाद, मुख्यमंत्री ने सबसे पहले ठाकुर केशवदेव और माता योगमाया के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने गर्भगृह में श्रीकृष्ण चबूतरे की पूजा-अर्चना की। भागवत भवन के दर्शन के बाद, उन्होंने श्रद्धालुओं से भरे परिसर में अपना संबोधन दिया।
मुख्यमंत्री ने "वृंदावन बिहारी लाल" और "जय श्री राधे" के उद्घोष किए, जिससे पूरा परिसर गूंज उठा। उन्होंने श्री कृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह ब्रजभूमि भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण की लीलाओं की भूमि है, और यह हम सबका सौभाग्य है कि भगवान के कई अवतारों ने उत्तर प्रदेश की भूमि को कृतार्थ किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या से लेकर मथुरा तक, ये स्थान हमारी आध्यात्मिक विरासत के प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री ने पिछले आठ-नौ वर्षों के दौरान जन्माष्टमी और बरसाना के रंगोत्सव में शामिल होने का अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, बलदेव, गोवर्धन और राधा कुंड जैसे स्थानों को तीर्थ के रूप में पुनः स्थापित करने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में चल रही डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि वे आध्यात्मिक विरासत के संरक्षण और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए आधुनिक विकास पर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी आध्यात्मिक विरासत और अत्याधुनिक विकास के लिए देश और दुनिया में एक नया प्रतिमान स्थापित कर रहा है। अपने संबोधन में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ संरक्षण के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गौ माता सनातन धर्म के प्रतीकों में से एक है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है, और जो किसान गाय पालन करते हैं, उन्हें 1500 रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं। वर्तमान में 16 लाख से अधिक गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लोगों से जाति, क्षेत्र या भाषा के नाम पर देश को कमजोर करने वाली प्रवृत्तियों से सावधान रहने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों का सम्मान करना और सामाजिक एकता के लिए कार्य करना हमारा संकल्प होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक सनातन धर्म का ध्वज दुनिया का मार्गदर्शन करता रहेगा, तब तक विश्व बंधुत्व, शांति और सौहार्द का भाव बना रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री के 'पंच प्रण' का उल्लेख किया, जिसमें गुलामी के अंशों को समाप्त करना, स्वदेशी को जीवन का मंत्र बनाना, विरासत का संरक्षण करना, देश के जवानों का सम्मान करना और सामाजिक एकता के लिए कार्य करना शामिल है।
उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का उदाहरण देते हुए कहा कि इन परियोजनाओं ने देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने कहा कि विंध्यवासिनी धाम में बन रहा कॉरिडोर भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए कार्यरत ब्रज तीर्थ विकास परिषद की सराहना की और कहा कि यह परिषद माननीय जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन में इस क्षेत्र को विकास के नए प्रतिमानों की ओर ले जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम 5000 वर्ष से अधिक की इस पौराणिक विरासत को आधुनिक विकास की प्रक्रिया से जोड़ें। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें उन दुष्प्रवृत्तियों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करने की कोशिश करती हैं। मुख्यमंत्री ने गंगा, यमुना, गौ माता, गायत्री और तीर्थों जैसे सनातन धर्म के प्रतीकों का सम्मान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये सभी हमारी पहचान हैं और इनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी को एक बार फिर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और उनके साथ 'श्री केशव देव महाराज की जय', 'श्री कृष्ण कन्हैया की जय', 'श्री राधे रानी की जय', 'श्री यमुना मैया की जय' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।