क्या मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण में मिली बड़ी सफलता?

Click to start listening
क्या मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण में मिली बड़ी सफलता?

सारांश

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में सुरंग निर्माण में मिली सफलता ने इस प्रोजेक्ट को एक नई दिशा में बढ़ाया है। जानें, इस ब्रेकथ्रू के पीछे की तकनीकी और सुरक्षा उपायों के बारे में।

Key Takeaways

  • मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में सुरंग का निर्माण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
  • सुरंग की कुल लंबाई 21 किलोमीटर है, जिसमें 2.7 किलोमीटर का निर्माण पूरा हुआ है।
  • सुरक्षा उपायों का व्यापक ध्यान रखा जा रहा है।
  • ट्रेन के लिए नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
  • यह परियोजना भारत के परिवहन को बेहतर बनाने में सहायक होगी।

नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुई है। इस प्रोजेक्ट के तहत बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से शिलफाटा के बीच बन रही सुरंग में पहला ब्रेकथ्रू हासिल किया गया है।

यह सुरंग 21 किलोमीटर लंबी है। इसके अंतर्गत 2.7 किलोमीटर लंबी निरंतर सुरंग का निर्माण पूरा किया गया है।

9 जुलाई को महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और शिलफाटा के बीच बनाई जा रही 21 किलोमीटर लंबी सुरंग में पहला ब्रेकथ्रू प्राप्त हुआ। यह ब्रेकथ्रू 2.7 किलोमीटर लंबी निरंतर सुरंग खंड के सफल निर्माण का प्रतीक है।

इस परियोजना के तहत कुल 21 किलोमीटर सुरंग में से, पांच किलोमीटर का निर्माण शिलफाटा और घनसोली के बीच न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग करके किया जा रहा है।

सुरंग में ठाणे क्रीक के नीचे सात किलोमीटरएडिशनली ड्रिवेन इंटरमीडिएट टनल (एडीआईटी) का निर्माण किया गया है, जिससे घनसोली और शिलफाटा की ओर एक साथ खुदाई की जा सके।

अब तक शिलफाटा की ओर से लगभग 1.62 किलोमीटर की खुदाई की जा चुकी है। इसके अलावा, एनएटीएम खंड में कुल प्रगति लगभग 4.3 किलोमीटर है।

प्रोजेक्ट साइट पर व्यापक सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं, जिससे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। इन सुरक्षा उपायों में ग्राउंड सेटलमेंट मार्कर, पीजोमीटर, इनक्लिनोमीटर, स्ट्रेन गेज और बायोमेट्रिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं। इससे आसपास की संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सुरक्षित और नियंत्रित सुरंग निर्माण गतिविधियां सुनिश्चित की जा रही हैं।

एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक विवेक कुमार गुप्ता ने बताया कि 21 किलोमीटर में से 2.7 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसके बाद टनल लाइनिंग का कार्य शुरू होगा, फिर आरसी ट्रैक बेड बिछेगा और ट्रैक इंस्टॉलेशन का कार्य तुरंत प्रारंभ किया जाएगा। हमारी कोशिश रहेगी कि मानसून के तुरंत बाद, महाराष्ट्र सेक्शन में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का कार्य और तेज गति से आगे बढ़े और तय समयसीमा के अनुसार पूरा हो।

Point of View

बल्कि देश के समग्र विकास में भी योगदान देगा। इसके पीछे की तकनीकी चुनौतियाँ और सुरक्षा उपायों का ध्यान रखना आवश्यक है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना कब शुरू हुई?
यह परियोजना 2017 में शुरू हुई थी।
इस सुरंग का कुल लंबाई क्या है?
सुरंग का कुल लंबाई 21 किलोमीटर है।
सुरंग में सुरक्षा उपाय क्या हैं?
सुरंग में ग्राउंड सेटलमेंट मार्कर, पीजोमीटर और बायोमेट्रिक सिस्टम जैसे सुरक्षा उपाय शामिल हैं।
इस सुरंग का निर्माण कैसे किया जा रहा है?
इसका निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) और टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) का उपयोग करके किया जा रहा है।
इस परियोजना की प्रगति क्या है?
अब तक 2.7 किलोमीटर की निरंतर सुरंग का निर्माण पूरा हो चुका है।