क्या पीएमओ अधिकारी बनकर 74 लाख की ठगी करने वाला ठेकेदार गिरफ्तार हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- रवि नरोत्तम शर्मा ने 74 लाख की ठगी की।
- शर्मा ने नकली मुहरें पेश कीं।
- पुलिस जांच जारी है।
- आरोपी के बैंक खातों की जांच हो रही है।
- जनता से संदिग्ध मामलों की सूचना देने की अपील।
मुंबई, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 11 ने एक बड़े घोटाले का खुलासा करते हुए 38 वर्षीय ठेकेदार रवि नरोत्तम शर्मा को गिरफ्तार किया। शर्मा पर आरोप है कि उसने एक शहर के ज्योतिषी को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अपने उच्च पदस्थ संबंध होने का झांसा देकर 74 लाख रुपए की ठगी की।
पुलिस के मुताबिक, शर्मा ने पीड़ित को एमएचएडीए की दो दुकानें दिलाने का झांसा दिया था। उसने दावा किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में उसकी पहुंच के चलते वह यह काम आसानी से करवा सकता है। भरोसा दिलाने के लिए आरोपी ने सरकारी दफ्तरों की नकली मुहरें भी पेश कीं, जो अब पुलिस ने बरामद कर ली हैं।
शर्मा को पुलिस ने शीघ्र ही एस्पलैंड कोर्ट में पेश किया, जहां पुलिस ने उसकी हिरासत मांगी ताकि मामले की गहनता से जांच की जा सके। अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के पास कई सरकारी विभागों की नकली मुहरें मिली हैं। इससे संदेह है कि उसने कई अन्य व्यक्तियों को भी इसी तरह के घोटाले में फंसा रखा है।
पुलिस अब शर्मा के बैंक खातों की जांच कर रही है और यह पता लगाने में लगी है कि कहीं उसके कुछ साथी या सरकारी अधिकारी भी इस ठगी के मामले में शामिल तो नहीं हैं। इस पूरे मामले का दायरा पुलिस की जांच से कहीं बड़ा प्रतीत हो रहा है। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान इस घोटाले के और भी चौंकाने वाले पहलू सामने आ सकते हैं।
आरोपी ने पीड़ित को भरोसा दिलाने के लिए नकली स्टाम्प पेश किया, जो सामान्य व्यक्ति को धोखा देने के लिए काफी था।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि उन्हें इस तरह के किसी भी संदिग्ध मामले की जानकारी हो तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
मुंबई क्राइम ब्रांच की यह गिरफ्तारी एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, जो आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और तथ्य उजागर कर सकती है। पुलिस ने कहा है कि जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में और अहम खुलासे होने की संभावना है।