क्या बानू मुश्ताक ने मैसूर दशहरा उत्सव का शुभारंभ किया?

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क्या बानू मुश्ताक ने मैसूर दशहरा उत्सव का शुभारंभ किया?

सारांश

बानू मुश्ताक ने मैसूर दशहरा उत्सव का शुभारंभ करके न केवल धार्मिक परंपराओं को आगे बढ़ाया, बल्कि समाज में एकता का संदेश भी दिया। इस खास मौके पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी उनके साथ रहे। जानिए इस ऐतिहासिक घटना की पूरी कहानी और इसके पीछे की प्रमुख बातें।

Key Takeaways

  • बानू मुश्ताक ने मैसूर दशहरा उत्सव का उद्घाटन किया।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी उपस्थित थे।
  • सरकार ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी।
  • बानू ने देवी चामुंडेश्वरी की पूजा में भाग लिया।
  • भाजपा नेताओं ने उद्घाटन का विरोध किया था।

मैसूर (कर्नाटक), 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक ने सोमवार को चामुंडी पहाड़ी पर देवी चामुंडेश्वरी को फूल चढ़ाकर ऐतिहासिक मैसूर दशहरा उत्सव की शुरुआत की। पीले और हरे रंग की सिल्क साड़ी पहने और बालों में फूल लगाए बानू मुश्ताक ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ पूजा-अर्चना और पारंपरिक अनुष्ठानों में भाग लिया।

इस मौके पर राज्य सरकार ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था बनाई क्योंकि भाजपा नेताओं और हिंदू कार्यकर्ताओं ने बानू मुश्ताक द्वारा मंदिर के उद्घाटन का विरोध किया था।

बानू मुश्ताक ने सुबह 10.10 से 10.40 बजे के बीच वृश्चिक लग्न के शुभ समय में दशहरा उत्सव का शुभारंभ किया। इसके बाद मंदिर के अधिकारियों ने उनका सम्मान किया और उन्हें माला पहनाई, साथ ही मैसूर पेठा (पारंपरिक पगड़ी) भेंट की।

इससे पहले, उन्होंने मंदिर में देवी चामुंडेश्वरी की विशेष पूजा में भाग लिया और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कैबिनेट मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ आशीर्वाद मांगा। पूजा के दौरान वह भावुक हो गईं और अंत में उन्हें अपने आंसू पोंछते हुए देखा गया।

उन्होंने देवी चामुंडेश्वरी की भव्य पूजा में भी भाग लिया और गर्भगृह के सामने सबसे आगे खड़ी रहीं। उन्हें माला पहनाई गई और साड़ी भेंट की गई।

बानू मुश्ताक ने सीएम सिद्धारमैया, मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ 'मंगलारती' की और भगवान के सामने हाथ जोड़कर भक्तिभाव से प्रार्थना की।

इस बीच, कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज तंगड़गी ने भाजपा की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई ठोस काम नहीं है। कांग्रेस सरकार ने पांच गारंटियों को सफलतापूर्वक लागू किया है और लोग खुश हैं, इसलिए भाजपा धार्मिक मुद्दों को उठा रही है।

दशहरा समारोह के उद्घाटन के लिए बानू मुश्ताक को चुनने के फैसले को कर्नाटक हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने पूर्व भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा और दो अन्य लोगों की ओर से दायर की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिनमें कांग्रेस सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के बीच संतुलन बनाया जा सकता है। देश की एकता और विविधता का सम्मान करते हुए, हमें सभी दृष्टिकोणों को समझने की आवश्यकता है।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

बानू मुश्ताक ने दशहरा उत्सव का उद्घाटन क्यों किया?
बानू मुश्ताक ने मैसूर दशहरा उत्सव का उद्घाटन देवी चामुंडेश्वरी को श्रद्धांजलि देने के लिए किया।
क्या विरोध हुआ था?
भाजपा नेताओं और हिंदू कार्यकर्ताओं ने बानू मुश्ताक द्वारा मंदिर के उद्घाटन का विरोध किया।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्या निर्णय लिया?
कर्नाटक हाई कोर्ट ने बानू मुश्ताक को चुनने के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।