क्या नैनीताल ने 184वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया?
सारांश
Key Takeaways
- नैनीताल का 184वां स्थापना दिवस मनाया गया।
- सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन हुआ।
- पर्यावरण संरक्षण के लिए सौ नालों का निर्माण किया गया।
- बच्चों और जरूरतमंदों को कम्बल वितरित किए गए।
- पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
नैनीताल, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल ने अपने 184वें स्थापना दिवस का आयोजन मंगलवार को मल्लीताल के डीएसए बास्केटबॉल कोर्ट में धूमधाम से किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म प्रार्थना से हुई, जिसमें विभिन्न समुदायों के लोगों ने पूजा-अर्चना कर नगर की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। इसके बाद, केक काटकर स्थापना दिवस का उत्सव मनाया गया और स्कूली बच्चों ने केक का वितरण किया। इस अवसर पर जरूरतमंदों को कम्बल भी वितरित किए गए, जिससे इस दिन की महत्ता और भी बढ़ गई।
कार्यक्रम में भवाली होटल एसोसिएशन के सचिव केसी सुयाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "नैनीताल पर्यटन नगरी है और इसका अस्तित्व बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।"
सुयाल ने आगे बताया कि नैनी झील के संरक्षण के लिए शहर में सौ नालों का निर्माण किया गया है ताकि इन नालों के माध्यम से पानी झील में जा सके और मलबा जमा न हो।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले नैनीताल की जनसंख्या और निर्माण गतिविधियां इतनी अधिक नहीं थीं, लेकिन अब आबादी बढ़ने और निर्माण कार्यों के चलते पर्यावरणीय दबाव बढ़ गया है। इसलिए, नैनीताल की हरियाली और वातावरण को बनाए रखना बेहद जरूरी है।
इस कार्यक्रम ने न केवल नैनीताल के इतिहास और संस्कृति को याद किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई। सभी ने मिलकर इस खास दिन को यादगार बनाया और नैनीताल के उज्जवल भविष्य की कामना की।
भवाली होटल एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि नैनीताल में दिन-प्रतिदिन पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिससे कहा जा सकता है कि यहां की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।