क्या उत्तराखंड के नैनीताल में अतिक्रमण पर प्रशासन की कार्रवाई का असर होगा?

सारांश
Key Takeaways
- नैनीताल में प्रशासन ने 10 अवैध दुकानों को ध्वस्त किया।
- इस कार्रवाई के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था।
- स्थानीय निवासियों की शिकायतें भी सामने आईं।
- अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
- प्रशासन को स्थानीय समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
नैनीताल, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के नैनीताल में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन ने शुक्रवार को कठोर कदम उठाया। भूमियाधार क्षेत्र में स्थित 10 अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
जिला प्रशासन ने अवैध दुकानों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस के साथ मिलकर अभियान शुरू किया। प्रशासनिक टीम ने बुलडोजर की मदद से 10 अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया।
एसडीएम नवाजिश खालिक ने कहा, "भूमियाधार एक व्यू पॉइंट है, जहाँ 23 से 25 दुकानें बिना किसी वैध अनुमति के सरकारी भूमि पर बनाई गई थीं। प्रशासन ने बार-बार अवैध दुकानों को हटाने के लिए चेतावनी दी थी। 15 जून को कुछ दुकानदारों ने दुकानों को हटाया था, लेकिन उसके बाद फिर से दुकानें लग गईं। यहाँ किसी को भी स्थान आवंटित नहीं किया गया है और न ही कोई दुकान लगा सकता है।"
पूर्व पंचायत सदस्य जयश्री ने अपनी बात रखते हुए कहा, "जिन दुकानों को अवैध कहा जा रहा है, वे वास्तव में ब्लॉक द्वारा आवंटित की गई थीं। प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना के दुकानों को हटाया, जिससे ग्रामीणों को नुकसान हुआ है।"
पूर्व प्रधान मीनाक्षी टम्टा ने कहा, "10 महिलाओं ने यहाँ अपनी दुकानें लगाई थीं जो स्वरोजगार का एक हिस्सा था, लेकिन प्रशासन ने सभी दुकानों को ध्वस्त कर दिया।"
स्थानीय निवासी शुभम कुमार ने कहा कि 2020 में ब्लॉक प्रमुख ने इस व्यू पॉइंट का उद्घाटन किया था, तब प्रशासन ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी, लेकिन अब लगातार दुकानदारों को हटाया जा रहा है।