क्या नैतिकता की कमी के चलते विपक्ष हंगामा कर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष का हंगामा नैतिकता की कमी का प्रतीक है।
- प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रावधान।
- बिहार में विकास की दिशा में प्रयास जारी हैं।
पटना, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में सरकार द्वारा एक विधेयक पेश किए जाने पर विपक्ष द्वारा इसके खिलाफ हंगामा और विधेयक की कॉपी फाड़कर गृह मंत्री की ओर फेंकने के मामले में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि जब इन्हें नैतिकता से कोई सरोकार नहीं है, तो वे हंगामा ही करेंगे।
उन्होंने पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "सरकार नैतिकता के दृष्टिकोण से यह विधेयक लेकर आई है। इस विधेयक का विरोध वही लोग कर रहे हैं, जो राजनीति और समाज में उच्च मापदंड, जो नैतिकता का होता है, उसे स्थापित नहीं करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक जीवन में उच्च मापदंड स्थापित करने के लिए नैतिकता का विधेयक लाया है।"
उन्होंने कहा कि इस विधेयक में सरकार का प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्र का मंत्री हो या राज्य का मंत्री, यदि वह जेल जाएगा, तो हटाने का प्रावधान है। क्या कोई जेल से शासन चला सकता है? यह कौन सा लोकतंत्र है? यह कौन सी नैतिकता है? जो विधेयक लाया गया है, उसमें प्रधानमंत्री को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने याद दिलाया कि लालू प्रसाद यादव को जेल जाने से बचाने के लिए कांग्रेस सरकार ने अध्यादेश लाया था। उसी अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़कर फेंका था और आज गांधी मैदान में गले मिल रहे हैं। इन लोगों को नैतिकता से कोई मतलब नहीं है। इनका उद्देश्य सत्ता सुख किसी भी तरीके से प्राप्त करना है। जनता सब देख रही है। जनता इनके कार्यों का विरोध करेगी। जब नैतिकता स्थापित ही नहीं करनी है, तो विरोध नहीं करेंगे तो क्या समर्थन करेंगे?
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की शुक्रवार को बिहार यात्रा के संदर्भ में कहा कि जब भी वे बिहार आते हैं, हजारों करोड़ रुपए की सौगात लेकर जाते हैं। वे फिर से बिहार आ रहे हैं और हजारों करोड़ की सौगात देंगे। बिहार में डबल इंजन की सरकार है। नीतीश कुमार बिहार के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं और प्रधानमंत्री उस विकास में पूरी मदद कर रहे हैं।