क्या नंदिनी चक्रवर्ती बनीं पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्य सचिव?
सारांश
Key Takeaways
- नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्य सचिव के रूप में हुई है।
- मनोज पंत का कार्यकाल सेवानिवृत्त होने के कारण समाप्त हुआ।
- राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
- नंदिनी चक्रवर्ती 1994 बैच की आईएएस अधिकारी हैं।
- यह नियुक्ति अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।
कोलकाता, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल को पहली बार एक महिला मुख्य सचिव मिली हैं। राज्य सरकार ने बुधवार को गृह एवं पहाड़ी मामलों के विभाग की वर्तमान अतिरिक्त मुख्य सचिव नंदिनी चक्रवर्ती को राज्य की नई मुख्य सचिव नियुक्त किया है।
नंदिनी चक्रवर्ती को मनोज पंत के स्थान पर नियुक्त किया गया है, जो बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए। पंत का मूल कार्यकाल जून 2025 में समाप्त होना था, लेकिन वे पहले ही छह महीने का विस्तार लेकर कार्यरत थे।
हालांकि, राज्य सरकार ने पंत को और छह महीने का विस्तार देने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था, लेकिन अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के कैडर नियंत्रक प्राधिकरण कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी नहीं दी।
जगदीश प्रसाद मीणा को नंदिनी चक्रवर्ती की जगह राज्य के गृह एवं पहाड़ी मामलों के विभाग का नया अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है।
सेवानिवृत्ति के बावजूद मनोज पंत को राज्य सरकार ने नई जिम्मेदारी दी है। अब वे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में कार्य करेंगे। हालांकि, यह पद आमतौर पर नियमित रूप से नियुक्त और सेवा में कार्यरत आईएएस अधिकारियों के लिए होता है।
कोलकाता में मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल सरकार पर वरिष्ठ नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति में डीओपीटी के नियमों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सुविधानुसार डीओपीटी के नियमों को अक्सर शिथिल किया जाता है।
नंदिनी चक्रवर्ती 1994 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर काम किया है और कुछ विवादों से भी जुड़ी रही हैं।
हाल ही में वे राज्यपाल सीवी आनंद बोस की प्रधान सचिव थीं। उन्हें उस पद से हटाए जाने को लेकर राजभवन (वर्तमान में लोक भवन) और राज्य सचिवालय के बीच तनाव की स्थिति भी बनी थी।
राजभवन ने राज्य सरकार से चक्रवर्ती को कार्यमुक्त करने को कहा था, लेकिन राज्य सचिवालय ने निर्देश दिया था कि वे राज्यपाल की प्रधान सचिव बनी रहें। बाद में मुख्यमंत्री ने इस मामले में राज्यपाल से अलग से बातचीत की।
इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें उस पद से हटाने का फैसला किया और उन्हें पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी दी गई। दिसंबर 2023 में उन्हें गृह एवं पहाड़ी मामलों के विभाग का प्रभार सौंपा गया था।