क्या बिहार के नवादा में साइबर ठगों पर पुलिस का शिकंजा कसा गया है? 5 अपराधियों की गिरफ्तारी, मोबाइल और वाहन जब्त

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क्या बिहार के नवादा में साइबर ठगों पर पुलिस का शिकंजा कसा गया है? 5 अपराधियों की गिरफ्तारी, मोबाइल और वाहन जब्त

सारांश

नवादा में साइबर ठगों पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर की गई। जानिए गिरफ्तार ठगों का modus operandi और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • साइबर अपराध को रोकने के लिए बिहार पुलिस की सक्रियता महत्वपूर्ण है।
  • गिरफ्तार ठगों का modus operandi बेहद चालाकी भरा था।
  • पुलिस की कार्रवाई से समाज में जागरूकता बढ़ेगी।
  • साइबर ठगी का शिकार होने से बचने के लिए सावधानी बरतें।
  • बुजुर्गों और कम पढ़े-लिखे लोगों को सतर्क रहना चाहिए।

नवादा, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर अपराध के मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए बिहार पुलिस ने ठोस कदम उठाए हैं। नवादा साइबर थाने की टीम ने वारसलीगंज थाना क्षेत्र के मीरबीघा गांव में छापेमारी कर पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

इन अपराधियों के पास से 12 मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल, और तीन चार-पहिया वाहन जब्त किए गए हैं। साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति ने बताया कि यह कार्रवाई राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (प्रतिबिंब) पर दर्ज शिकायतों के आधार पर की गई। यह गिरफ्तारी साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है। हाल के महीनों में नवादा जिला साइबर ठगी का हॉटस्पॉट बन गया है, जहां फ्लिपकार्ट, धनी फाइनेंस, और अन्य कंपनियों के नाम पर लाखों रुपए की ठगी के मामले सामने आ चुके हैं।

जून 2025 में 'ऑपरेशन फायरबॉल' के तहत 34 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 23 लाख रुपए जब्त हुए थे। जनवरी 2025 में 8 ठगों को पकड़ने के बावजूद अपराधियों की हिम्मत कम नहीं हुई, लेकिन अब पुलिस की सतर्कता ने इन्हें दबोच लिया है।

गिरफ्तार हुए अपराधियों का मॉडस ऑपरेंडी बेहद चालाक था। वे भोले-भाले लोगों को बैंक या ऑफिस के नाम पर फोन करते थे। एक आरोपी फोन पर कहता, "आपके घर कोई डिलीवरी बॉय का पैकेट आया था, लेकिन आपका फोन नहीं लग रहा था। इसलिए हम ऑफिस से कॉल कर रहे हैं। एक ओटीपी आएगा, उसे हमें बता दीजिए, ताकि सामान पहुंच जाए।" पीड़ित ओटीपी बता देते, जिसके जरिए ठग उनके व्हाट्सएप अकाउंट में लॉगिन कर लेते। फिर, पीड़ित के सभी व्हाट्सएप ग्रुप्स और कॉन्टैक्ट्स को मैसेज या कॉल कर पैसे मांगते। "आपका पैकेज कस्टम में अटका है, वरना जब्त हो जाएगा।" इसी तरह की धमकियों से वे हजारों रुपए वसूल करते थे।

डीएसपी प्रिया ज्योति ने बताया, "ये अपराधी मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के बुजुर्गों और कम पढ़े-लिखे लोगों को निशाना बनाते थे। प्रतिबिंब पोर्टल पर दर्ज 20 से अधिक शिकायतों में ये नंबर ट्रेस हुए।"

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मीरबीघा गांव निवासी सुरेश्वर प्रसाद के पुत्र पंकज कुमार, शेखपुरा जिले के शेखूपुर सराय निवासी उमेश प्रसाद के पुत्र सतीश कुमार, कृष्ण प्रसाद के पुत्र कौशलेंद्र प्रसाद, सिकंदर यादव के पुत्र भरत कुमार, और भोला प्रसाद के पुत्र नवीन कुमार के रूप में हुई है। सभी की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच है। ये सभी मीरबीघा के एटी भट्ठा के पास एक अस्थायी ठिकाने पर सक्रिय थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये शेखपुरा और गया के साइबर गिरोहों से जुड़े थे। उनके पास से जब्त मोबाइलों में 50 से अधिक शिकायतों से जुड़े नंबर मिले हैं।

Point of View

हम यह मानते हैं कि साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है। पुलिस की यह पहल न केवल अपराधियों को पकड़ने में मदद करेगी, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

नवादा में साइबर ठगों की गिरफ्तारी कब हुई?
गिरफ्तारी 22 अक्टूबर को हुई।
पुलिस ने कितने ठगों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार ठगों के पास क्या सामान था?
गिरफ्तार ठगों के पास 12 मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल, और तीन चार-पहिया वाहन जब्त किए गए।
गिरफ्तारी का कारण क्या था?
गिरफ्तारी राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर की गई।
गिरफ्तार ठगों का modus operandi क्या था?
ठग भोले-भाले लोगों को बैंक या ऑफिस के नाम पर फोन करके ओटीपी मांगते थे।