क्या नए आपराधिक कानून से जल्दी मिलेगा न्याय?: अमित शाह

सारांश
Key Takeaways
- नए कानूनों का उद्देश्य त्वरित न्याय प्रदान करना है।
- इनमें डिजिटल साक्ष्य और तकनीकी नवाचार शामिल हैं।
- पुराने कानूनों की तुलना में नए कानून अधिक प्रभावी हैं।
- अपराधियों के लिए बचने की संभावना कम हो गई है।
- न्याय प्रणाली को भारतीय संदर्भ में ढाला गया है।
नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बताया कि तीन नए आपराधिक कानूनों का पूर्ण कार्यान्वयन होने में अधिकतम तीन साल लग सकते हैं। उन्होंने यह बात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। अमित शाह ने पिछले वर्ष 1 जुलाई को लागू किए गए इन कानूनों की पहली वर्षगांठ पर यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, "मैं निश्चितता के साथ कह सकता हूं कि आप देश के किसी भी कोने में एफआईआर दर्ज कराएं, आपको तीन साल के भीतर न्याय मिलेगा। इसे सुनिश्चित किया जाएगा।"
दिसंबर 2023 में संसद द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानून - भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - को 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू किया जाएगा। ये कानून इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड और इंडियन एवीडेंस एक्ट का स्थान लेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "इन कानूनों को लागू करने के लिए हमने कई परामर्श किए हैं। ये कानून भारतीय दृष्टिकोण से तैयार किए गए हैं और इनमें तकनीक का व्यापक उपयोग किया गया है, जिससे अपराधियों के बचने की संभावना समाप्त हो जाती है। पुराने कानून ब्रिटिश शासन द्वारा बनाए गए थे, जबकि ये नए कानून भारत के लिए हैं, जो चुनी हुई सरकार ने बनाए हैं।"
उन्होंने यह भी बताया कि पुराने कानून भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और संवैधानिक आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं थे। नए कानून नागरिकों के अधिकारों, स्वतंत्रता और न्याय को प्राथमिकता देते हैं। पुराने कानून समय पर न्याय की गारंटी नहीं देते थे और मामले कई वर्षों तक खिंच जाते थे।
उन्होंने आगे कहा, "नए कानूनों में एफआईआर, चार्जशीट, सुनवाई और फैसले के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है, ताकि त्वरित न्याय संभव हो सके। पुरानी व्यवस्था में डिजिटल साक्ष्य, वीडियो रिकॉर्डिंग, और ऑनलाइन शिकायतों के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। नए कानूनों में आधुनिक आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए नई तकनीकों का समावेश किया गया है।"