क्या नाजिया इलाही खान ने महागठबंधन पर सही पलटवार किया?
सारांश
Key Takeaways
- नाजिया इलाही खान ने महागठबंधन पर गंभीर आरोप लगाए।
- बिहार की जनता ने महागठबंधन के शासनकाल में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखा है।
- एनडीए की सरकार ने विकास के लिए कई कदम उठाए हैं।
- महागठबंधन के नेताओं पर जनता का विश्वास घटा है।
- बिहार में आज कई आईएएस, आईपीएस और डॉक्टर मौजूद हैं।
नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नाजिया इलाही खान ने सोमवार को इंडिया गठबंधन पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना कर सस्ती लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं, तो यह उनकी मर्जी है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार के लोग कभी नहीं भूल सकते कि महागठबंधन के शासनकाल में कानून व्यवस्था को कैसे दरकिनार किया गया था और लोगों के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया था। नाजिया ने याद दिलाया कि उन दिनों शादियों के समय दुकानों में जबरन घुसकर सामान उठा लिया जाता था, लेकिन मजबूर दुकानदार चुप्पी साध लेते थे।
उन्होंने कहा कि यह तथ्य इनकार नहीं किया जा सकता कि आज चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन के पास जनता के सामने अपनी उपलब्धियों को पेश करने के लिए कुछ भी नहीं है, इसलिए ये लोग प्रदेश के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साध रहे हैं।
मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि ऐसा करने से महागठबंधन को कोई लाभ नहीं होने वाला। प्रदेश की जनता इनकी असलियत से भली-भांति परिचित है।
भाजपा नेता नाजिया इलाही खान ने कहा कि यदि हम बिहार के चुनावी मौसम में एनडीए की बात करें, तो उनके पास दिखाने के लिए बहुत कुछ है। हमारी उपलब्धियों का भंडार विशाल है।
हम लोगों के बीच जाकर उन्हें बता पा रहे हैं कि इतने वर्षों में हमने उनके लिए क्या किया है, लेकिन आज महागठबंधन के पास ऐसा कुछ भी नहीं है। ध्यान में रखते हुए मैं कह सकती हूं कि प्रदेश में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया। उनका कहना है कि पूरे बिहार ने देखा है कि कैसे राहुल गांधी ने छठ पूजा का अपमान किया। प्रदेश की जनता इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। बिहार के लोग राहुल गांधी को इसका उचित जवाब देंगे।
नाजिया ने कहा कि तेजस्वी यादव को सुशासन पर कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है, क्योंकि यह सभी को पता है कि उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान गुंडों और बदमाशों को टिकट दिया। तेजस्वी बार-बार यह दावा करते हैं कि महागठबंधन ने पसमांदा मुस्लिम और गरीब हिंदुओं के लिए लाभकारी कदम उठाए हैं, लेकिन यह सब झूठ है।
उन्होंने कहा कि एनडीए के शासनकाल में बिहार की तस्वीर बदली है। आज हर जगह विकास की बयार बह रही है। एनडीए सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति विकास से अछूता न रहे।
आज बिहार में हर जगह आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर दिखाई देते हैं, लेकिन महागठबंधन के शासनकाल में ऐसा नहीं था। तब प्रदेश में त्राहि-त्राहि की स्थिति थी। तब डॉक्टरों और इंजीनियरों को उठा लिया जाता था। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि महागठबंधन को अपनी गलतियों को स्वीकार कर लेना चाहिए।
हमने साफ देखा है कि महागठबंधन के शासनकाल में गरीब लोगों को गुंडई के रास्ते पर धकेला गया। उनकी गरीबी का फायदा उठाया गया, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।