क्या नीमच के कार्तिक खंडेलवाल को मन की बात से आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिली?

सारांश
Key Takeaways
- कोरोना महामारी के समय में भी अवसरों को पहचानना महत्वपूर्ण है।
- छोटी पूंजी से भी एक सफल व्यवसाय की शुरुआत की जा सकती है।
- ग्राहक सेवा और मार्केटिंग पर ध्यान देना व्यवसाय की सफलता के लिए आवश्यक है।
- आत्मनिर्भरता का संदेश युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
- एक्सपोर्ट ट्रेड लाइसेंस से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का मार्ग प्रशस्त होता है।
नीमच, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के नीमच जिले के युवा कार्तिक खंडेलवाल की कहानी आज देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है। बीसीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका सपना था गेमिंग इंडस्ट्री में करियर बनाने का। लेकिन, कोरोना महामारी के दौरान जब सब कुछ ठप हो गया तो उन्हें अपने गृहनगर लौटना पड़ा।
इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम को सुना, जिससे वे गहराई से प्रभावित हुए। इस कार्यक्रम में आत्मनिर्भर भारत और युवाओं के लिए स्टार्टअप के संदेश ने उनके भीतर एक नई जोश और सोच भर दी।
कार्तिक ने तय किया कि अब वे खुद का व्यवसाय शुरू करेंगे। उनकी खुद की बचत के मात्र 20,000 की छोटी-सी पूंजी से उन्होंने 'कार्तिक एक्सपोर्ट्स' नामक ब्रांड की नींव रखी। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर हर्बल प्रोडक्ट्स और मसालों की बिक्री से काम शुरू किया।
पहले साल में ही उन्हें मात्र 20,000 का लाभ हुआ, लेकिन इस लाभ से भी बड़ी थी वह सीख जो उन्होंने पहले वर्ष के व्यावसायिक अनुभवों से प्राप्त की। उन्होंने उत्पाद चयन, ग्राहक सेवा, मार्केटिंग और ब्रांड बिल्डिंग पर काम किया। आज उनके पास 400 से अधिक उत्पादों की विविध रेंज है और उनका वार्षिक टर्नओवर 70 लाख रुपए के पार जा चुका है। उनका ब्रांड अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों में फैल रहा है और अब उन्हें एक्सपोर्ट ट्रेड लाइसेंस भी मिल चुका है। जिससे वे अब अंतर्राष्ट्रीय उड़ान भरने को तैयार हैं। अब सिर्फ उनके प्रोडक्ट देश ही नहीं विदेश में भी ऑनलाइन बिकेंगे।
नीमच के स्टार्टअप कार्तिक एक्सपोर्ट्स के मालिक कार्तिक खंडेलवाल ने बताया कि मैंने बीसीए गेम डेवलपमेंट में किया है, जो गेमिंग से रिलेटेड फील्ड है। उसके बाद जब कोरोना आया तो हम अपने होम टाउन नीमच आ गए। इस दौरान दो महीने मैंने वर्क फ्रॉम होम किया। खाली समय में हम पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुनते थे। जिसको सुनकर मैं प्रभावित हुआ और मैंने खुद का स्टार्टअप शुरू करने का मन बना लिया।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने तय किया मैं अपना खुद का ब्रांड बनाऊंगा। मैंने 20,000 रुपए से अपना बिजनेस स्टार्ट किया था। पहले वर्ष में मुझको 20,000 रुपए का ही लाभ हुआ था। लेकिन, उससे मुझे यह सीखने को मिला कि बिजनेस कैसे वर्क करता है, हमको किन चीजों पर ध्यान देना है, किन चीजों पर ध्यान नहीं देना है। आज हमारे पास 400 से ज्यादा उत्पाद हैं और आज हमारा टर्न ओवर 70 लाख को पार कर चुका है। भविष्य में अपने बिजनेस को और ज्यादा बढ़ाने की हमारी योजना है। हमारा यूएस का एक्सपोर्ट ट्रेड लाइसेंस भी बन गया है।
नीमच के स्टार्टअप कार्तिक एक्सपोर्ट्स पर काम करने वाले कमलेश ने बताया कि मैं यहां पिछले पांच साल से कम कर रहा हूं। पहले हमारे यहां दिन के दो-चार ऑर्डर आते थे। कोरोना के समय से हम लोग यह काम कर रहे हैं। अब हमारे यहां 70-80 ऑर्डर आते हैं। हम यहां जड़ी बूटी, मसाले और पाउडर का काम करते हैं। इन्हें पहले पैकेट में पैक किया जाता है फिर फ्लिपकार्ट, अमेजन पर ऑनलाइन ऑर्डर आने पर उन्हें भेजा जाता है।
वहीं ईशान अहीर ने कहा कि हम यहां एक साल से काम कर रहे हैं। हमारे यहां पर मसाले, जड़ी बूटियां और उनके पाउडर बनाने का काम होता है। हम यहां पर सुबह आते हैं और पहले माल की सफाई करते हैं, फिर उन्हें जार में पैक करते हैं और उन पर लेबल लगाते हैं। उसके बाद उनका वजन करते हैं, फिर उन्हें डिलीवरी के लिए तैयार करते हैं। हमारे यहां से ऑनलाइन ऑर्डर पर सामान भेजा जाता है।