क्या नीतीश कुमार ने बिहार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया?

सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार की नीतियों ने बिहार को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
- बिहार में प्राथमिक शिक्षा में सुधार हुआ है।
- विपक्ष के आरोपों का ठोस जवाब दिया गया है।
- बिहार में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।
- बिहार ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई है।
पटना, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए विपक्ष पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार केवल घोषणाओं में नहीं, बल्कि ठोस निश्चयों के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने बिहार की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है। नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में 22 देशों के छात्रों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है।
उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव के परिवार ने केवल 33,000 शिक्षकों की नियुक्ति की, जबकि नीतीश सरकार ने 6 लाख शिक्षकों को रोजगार दिया। एसटीइटी परीक्षा की तैयारी के लिए भी ठोस कदम उठाए गए हैं। यह एक बिना भ्रष्टाचार का रोजगार देने का अनूठा मॉडल है, जो देश के लिए मिसाल बन चुका है। प्राथमिक शिक्षा में बिहार ने देश में नंबर वन स्थान प्राप्त किया है, फिर भी किसी दल ने इस पर आपत्ति नहीं जताई।
उन्होंने लोकतंत्र के लिए चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक दल को बूथ स्तर एजेंट (बीएलए) नियुक्त करना चाहिए था, लेकिन बिहार में कोई भी दल इसमें सफल नहीं रहा। विशेष रूप से प्रशांत किशोर की टीम ने एक भी बीएलए नियुक्त नहीं किया, जो उनकी कमजोरी को दर्शाता है।
अनिल अंबानी प्रकरण में ईडी की जांच पर नीरज कुमार ने कहा कि यदि आर्थिक गड़बड़ियां पाई गईं, तो यह ईडी के अधिकार क्षेत्र में है। जांच एजेंसी पूरे मामले की तफ्तीश करेगी। अब इस संदर्भ में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह ईडी ही बता पाएगी।
वहीं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि कोर्ट ने उनके दावों पर सवाल उठाए हैं, लेकिन यह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है, इसलिए राजनीतिक टिप्पणी उचित नहीं है।
विपक्ष के इस आरोप पर कि वर्तमान समय में भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव है, नीरज कुमार ने कहा कि विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि भारत किसी की दादागिरी नहीं सहन करेगा। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अगुआ रहा है और अपनी सैन्य क्षमता से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। भारत किसी के दिशा-निर्देश पर नहीं चलेगा, बल्कि अपनी बौद्धिक रणनीति से आगे बढ़ेगा।