क्या नोएडा में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 43 लाख की ठगी का मामला सामने आया?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
- पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है और आरोपी को गिरफ्तार किया है।
- सतर्क रहें और अज्ञात कॉल का जवाब देने से पहले जांच करें।
नोएडा, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच, नोएडा पुलिस के साइबर क्राइम थाना ने एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर एक महिला से 43,17,000 की ठगी करने वाले एक शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है।
आरोपी की पहचान मदान कुमार, पुत्र हनुमान प्रसाद, निवासी सूरतगढ़, हनुमानगढ़ (राजस्थान) के तौर पर हुई है। पुलिस की टीम ने उसे उसके निवास से दबोच लिया और उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए।
यह मामला साइबर क्राइम थाना में 31 अगस्त 2025 को दर्ज हुआ था। पीड़िता, जो सेक्टर-62 नोएडा की निवासी है, ने बताया कि कुछ अज्ञात साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उन पर अवैध फंडिंग का आरोप लगाया। इसके बाद, फर्जी दस्तावेज भेजकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी गई। गिरफ्तारी के डर से महिला ने विभिन्न बैंक खातों में कुल 43,17,000 रुपए ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठगी में प्रयुक्त बैंक खातों को तुरंत फ्रीज़ कर दिया। पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि वह सीएसपी (कस्टमर सर्विस प्वाइंट) की दुकान चलाता है और अपने करंट बैंक खाते के माध्यम से साइबर ठगों को कमीशन देकर नकद राशि उपलब्ध कराता है। इसी धोखाधड़ी में उसके बैंक खाते में 7,80,000 आए थे, जिन्हें उसने अपने साथियों की मदद से बैंक से निकाल लिया था।
पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। पुलिस ने लोगों को इस तरह की ठगी से बचने के लिए जागरूक रहने की अपील की है।
पुलिस ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति व्हाट्सएप या वीडियो कॉल पर खुद को पुलिस अधिकारी बताकर धमकाए, तो पहले उसके नाम और नंबर की जांच सरकारी वेबसाइट या संबंधित विभाग से अवश्य करें। किसी भी अज्ञात कॉल करने वाले द्वारा पार्सल, हवाला या मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर डराया जाए, तो घबराने के बजाय तुरंत साइबर सेल या नजदीकी थाने में शिकायत करें।