क्या नोएडा में शेयर बाजार के नाम पर साइबर ठगों ने कारोबारी से 35 लाख की ठगी की?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी में सावधानी बरतें।
- आईपीओ में निवेश से पहले सही जानकारी जांचें।
- धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करें।
- अवास्तविक मुनाफे के लालच से बचें।
- साइबर सेल से सहायता प्राप्त करें।
नोएडा, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा में शेयर बाजार के नाम पर एक गंभीर साइबर ठगी का मामला उजागर हुआ है। सेक्टर-49 के निवासी कारोबारी प्रशांत चौबे को 35 लाख रुपये की ठगी का सामना करना पड़ा है। ठगों ने उन्हें आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) में निवेश का लालच देते हुए 100 प्रतिशत मुनाफे का झांसा दिया। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब तक लगभग 3.5 लाख रुपये की राशि को फ्रीज किया जा चुका है।
प्रशांत चौबे को पहले एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था, जहां ग्रुप का एडमिन खुद को आईपीओ विशेषज्ञ बताते हुए दोगुना मुनाफा कमाने का दावा कर रहा था। प्रारंभिक संदेह के बावजूद, कारोबारी ने थोड़ी राशि निवेश की, जिसके बाद उन्हें लाभ प्राप्त हुआ। इसने उनका विश्वास और बढ़ा दिया, और उन्होंने ठगों द्वारा सुझाए गए एक विशेष ऐप को अपने फोन में डाउनलोड कर लिया। ऐप पर दिखाई देने वाला मुनाफा वास्तव में एक आभासी ग्राफ था, जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं था।
धीरे-धीरे, प्रशांत चौबे ने कई किस्तों में कुल 35 लाख 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो ठगों ने और अधिक निवेश के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। जब उन्होंने मना किया, तो उन्हें ग्रुप से हटा दिया गया और संपर्क भी कट गया। इसके बाद, प्रशांत ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि यह राशि विभिन्न राज्यों में स्थित बैंकों में ट्रांसफर की गई है।
कुछ खातों के किराए पर लिए जाने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल, पुलिस ने 3.5 लाख रुपये की राशि को फ्रीज कर दिया है और बची हुई राशि का पता लगाने में जुटी है। पीड़ित ने कहा कि ठगों ने उसे कई दिनों तक निवेश से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया और बताया कि जिस कंपनी में वह निवेश कर रहा है, वह सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) से रजिस्टर्ड है। लेकिन जांच में यह दावा भी झूठा पाया गया। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल की विशेष टीम जांच में जुटी है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी संभव है।