क्या नोएडा में विद्युत ढांचे का सशक्तीकरण होगा?

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क्या नोएडा में विद्युत ढांचे का सशक्तीकरण होगा?

सारांश

नोएडा में विद्युत ढांचे को सशक्त करने के लिए नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। जीआईएस तकनीक और एससीएडीए सिस्टम के माध्यम से बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा। जानें इस महत्वकांक्षी योजना के बारे में अधिक जानकारी।

Key Takeaways

  • विद्युत ढांचे का सशक्तीकरण
  • जीआईएस तकनीक का उपयोग
  • एससीएडीए सिस्टम का कार्यान्वयन
  • 33 केवी और 11 केवी लाइनों का भूमिगतकरण
  • बिजली आपूर्ति में सुधार

नोएडा, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा में विद्युत ढांचे को सुदृढ़ करने का एक महत्वकांक्षी कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। इस दिशा में, शनिवार को नोएडा अथॉरिटी में सीईओ के समक्ष प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक महत्वपूर्ण प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया।

इस बैठक में, मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के समक्ष अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एस.के.) और महाप्रबंधक (विद्युत/योजना) ने जानकारी साझा की। प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया गया कि नोएडा में विद्युत ढांचे को सशक्त करने की योजना बनाई जा रही है। सीईओ महोदय ने शहर की बिजली व्यवस्था को और अधिक आधुनिक, सुरक्षित और निर्बाध बनाने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए।

सीईओ ने यह निर्देश दिया कि भविष्य में नोएडा क्षेत्र में 220/132/33 केवी के विद्युत उपकेंद्रों का निर्माण जीआईएस (गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन) पद्धति पर किया जाए। इन उपकेंद्रों में एससीएडीए (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन) सिस्टम को भी शामिल किया जाएगा, जिससे विद्युत फॉल्ट की संभावनाएं घटेंगी और भूमि की भी बचत होगी। इसके साथ ही उपकेंद्र अधिक दक्षता के साथ कार्य कर सकेंगे।

सीईओ ने निर्देश दिए कि नोएडा क्षेत्र में पहले से मौजूद 33 केवी और 11 केवी की ऊपर से गुजरने वाली विद्युत लाइनों को आवश्यकता अनुसार चरणबद्ध तरीके से भूमिगत किया जाए, ताकि नागरिकों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिल सके और सौंदर्यीकरण में भी सुधार हो। संपूर्ण विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण के लिए पारंपरिक डबल पोल स्ट्रक्चर की बजाय अब रिंग मैन यूनिट (आरएमयू) और स्ट्रेट थ्रू ज्वाइंट (एसटीजे) तकनीकों के उपयोग पर बल दिया गया है। इससे न केवल बिजली आपूर्ति प्रणाली बेहतर होगी, बल्कि मरम्मत और रखरखाव में भी सुविधा होगी।

सीईओ ने यह भी निर्देशित किया कि आगामी एक वर्ष के भीतर 33 केवी और 11 केवी की अधिकतर ऊपर से गुजरने वाली लाइनों को भूमिगत करने का कार्य पूरा किया जाए। साथ ही, अन्य सेक्टरों की एचटी/एलटी लाइनों का भी परीक्षण कर उन्हें इसी तकनीक से भूमिगत करने के प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत किए जाएं।

Point of View

बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी यह एक उन्नति का प्रतीक है। देशभर में ऊर्जा प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है, और इस तरह के प्रयास से हम एक सशक्त और सुरक्षित ऊर्जा प्रणाली की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा में विद्युत ढांचे को सशक्त करने का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य विद्युत आपूर्ति को आधुनिक, सुरक्षित और निर्बाध बनाना है।
जीआईएस और एससीएडीए का क्या महत्व है?
जीआईएस तकनीक से उपकेंद्रों की दक्षता बढ़ेगी और एससीएडीए सिस्टम से विद्युत फॉल्ट की संभावनाएं कम होंगी।
कब तक विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा?
एक वर्ष के भीतर 33 केवी और 11 केवी की अधिकांश लाइनों को भूमिगत करने की योजना है।