क्या शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर 3.26 करोड़ रुपए की ठगी की गई?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- शेयर मार्केट में निवेश के लिए हमेशा सतर्क रहें।
- अनजान व्यक्तियों से सावधान रहें।
- साइबर धोखाधड़ी के मामलों में तुरंत रिपोर्ट करें।
- साइबर जागरूकता बढ़ाएँ।
- बैंक खातों की जानकारी साझा न करें।
नोएडा, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा के साइबर क्राइम पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए शेयर मार्केट में निवेश के बहाने 3 करोड़ 26 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो कुशल अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान राजीव वर्मा और उमा शंकर, दोनों इंदौर, मध्य प्रदेश के निवासी के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार, यह घटना 12 जून 2025 की है, जब नोएडा सेक्टर-27 के एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी थी। उसने बताया कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने खुद को रेट फाइन इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का कर्मचारी बताकर उसे शेयर मार्केट में निवेश करने का लालच दिया। पीड़ित ने धोखे में आकर कुल 3,26,00,000 रुपए विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब संपर्क टूट गया, तब उसे ठगी का एहसास हुआ।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की और संबंधित बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। जांच के दौरान, साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने गुरुवार को इंदौर में छापेमारी की और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
आरोपी राजीव वर्मा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पहले मोबाइल मार्केटिंग का काम करता था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसने अपने दोस्त उमा शंकर के कहने पर एक करंट बैंक खाता खुलवाया। इसके बदले उसे 50,000 रुपए मिले। वहीं, उमा शंकर ने बताया कि वह टेलीग्राम पर एक ग्रुप से जुड़ा था, जहां उसे बैंक खातों की आवश्यकता बताई जाती थी। वह कमीशन लेकर बैंक खाते उपलब्ध कराता था, जिनका उपयोग ठगी में किया जाता था।
पुलिस के अनुसार, राजीव वर्मा के खाते से लगभग 10 लाख रुपए ठगी के मिले हैं, जबकि उसके खिलाफ विभिन्न राज्यों में एनसीआरपी पोर्टल पर 16 शिकायतें दर्ज हैं। इस मामले में पुलिस पहले ही 12 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। साइबर जागरूकता के लिए पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था को अपना आधार कार्ड, पैन नंबर या बैंक खाता जानकारी न दें। किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            