क्या ओडिशा सरकार बाढ़ की स्थिति से निपटने में असफल रही है? : भक्त चरण दास

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क्या ओडिशा सरकार बाढ़ की स्थिति से निपटने में असफल रही है? : भक्त चरण दास

सारांश

ओडिशा में बाढ़ की स्थिति पर कांग्रेस नेता भक्त चरण दास ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की कमी और मुख्यमंत्री के हवाई सर्वेक्षणों की प्रभावशीलता पर भी चिंता व्यक्त की। जानें इस संकट की जमीनी हकीकत और सरकार के दावों में क्या है सच्चाई।

Key Takeaways

  • ओडिशा में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।
  • सरकार की राहत कार्यों में कमी है।
  • मुख्यमंत्री के हवाई सर्वेक्षण प्रतीकात्मक हैं।
  • एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
  • बाढ़ के नुकसान का उचित आकलन नहीं किया गया है।

भुवनेश्वर, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा सरकार ने आधिकारिक तौर पर बालासोर, भद्रक और जाजपुर को बाढ़ प्रभावित जिला घोषित किया है। इसके साथ ही मयूरभंज और केंद्रपाड़ा जिले भी बाढ़ की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं।

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर तीखा आरोप लगाया और कहा कि हाल ही में आई बाढ़ की गंभीरता को कम करके आंका गया है, जो स्पष्ट रूप से लापरवाही, अपर्याप्त योजना और अनदेखी का परिणाम है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, भक्त चरण दास ने कहा, "सरकार ने जमीनी स्तर पर संकट का उत्तर देने में पूरी तरह से विफलता दिखाई है। लोग भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं के बिना संघर्ष कर रहे हैं। यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है; यह शासन की मानव निर्मित विफलता है।"

उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के हवाई सर्वेक्षणों पर भी सवाल उठाया और कहा, "क्या मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा लोगों की समस्याओं को समझने के लिए कर रहे हैं, या सिर्फ एक पर्यटक के रूप में हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं? अगर ऐसे सर्वेक्षणों के बाद भी लोगों को बुनियादी राहत नहीं मिल रही है, तो इन यात्राओं का क्या लाभ है?"

भक्त चरण दास ने यह भी कहा कि सरकार का यह दावा कि बाढ़ से केवल 30,000 लोग प्रभावित हुए हैं, वास्तविकता को नहीं दर्शाता है।

उन्होंने मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सभी जिलों में समीक्षा बैठक आयोजित नहीं की और न ही मंत्रियों को प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने का निर्देश दिया। दास ने सवाल किया, "क्या हताहतों, फसलों के नुकसान या कृषि भूमि के विनाश का कोई उचित मूल्यांकन किया गया है?"

उन्होंने आगे कहा कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को प्रदान की गई वित्तीय सहायता और किए गए खर्च का खुलासा करना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। किसानों और बटाईदारों के लिए विशेष पैकेज और प्रभावित किसानों के लिए तत्काल फसल बीमा दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "मयूरभंज समेत कम से कम पांच जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है, लेकिन सरकार ने सिर्फ तीन जिलों को ही स्वीकार किया है। नुकसान का आकलन तीन जिलों से बढ़कर पांच प्रभावित जिलों के सभी ब्लॉकों तक किया जाना चाहिए और उसके अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए।"

वहीं ओडिशा सरकार ने इन जिलों के कलेक्टरों को नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इन रिपोर्टों के आधार पर सहायता प्रदान की जाएगी। बचाव कार्यों में सहायता के लिए अतिरिक्त रिजर्व टीमें और रसद भी तैयार रखी गई हैं।

Point of View

ओडिशा में बाढ़ की स्थिति न केवल प्राकृतिक आपदा है बल्कि यह शासन की लापरवाही और योजनाओं की कमी का परिणाम भी है। सरकारी आंकड़े और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है, जिसे ध्यान में रखते हुए प्रभावी राहत उपायों की आवश्यकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

ओडिशा में बाढ़ से कितने लोग प्रभावित हुए हैं?
कांग्रेस नेता भक्त चरण दास के अनुसार, एक लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों की पहचान कैसे की है?
ओडिशा सरकार ने बालासोर, भद्रक और जाजपुर को बाढ़ प्रभावित जिला घोषित किया है।
राहत कार्यों में क्या कमी है?
भक्त चरण दास ने सरकार पर आरोप लगाया है कि राहत कार्यों की कमी और बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी की गई है।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया?
भक्त चरण दास ने मुख्यमंत्री के हवाई सर्वेक्षणों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक दौरा है।
क्या बाढ़ के नुकसान का आकलन किया गया है?
दास ने आरोप लगाया है कि नुकसान का कोई उचित मूल्यांकन नहीं किया गया है।