क्या ओडिशा में साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ?

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क्या ओडिशा में साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ?

सारांश

ओडिशा के संबलपुर जिले में पुलिस ने एक संगठित साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है। चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से मास्टरमाइंड सऊदी अरब से ऑपरेट कर रहा था। यह रैकेट लाखों की ठगी कर चुका है। जानिए इस मामले की गहराई में क्या कुछ छिपा है।

Key Takeaways

  • ओडिशा में साइबर ठगी का संगठित गिरोह पकड़ा गया।
  • गिरोह का मास्टरमाइंड सऊदी अरब में है।
  • पुलिस ने भारी मात्रा में सामग्री जब्त की।
  • गिरोह ने लाखों की ठगी की है।
  • जांच जारी है, मास्टरमाइंड की पहचान का प्रयास।

भुवनेश्वर, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के संबलपुर जिले में पुलिस ने एक साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस घटना में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड सऊदी अरब से पूरी नेटवर्क को चला रहा था।

संबलपुर के एसपी मुकेश कुमार भामू ने राष्ट्र प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि यह साइबर ठगी का रैकेट अत्यंत संगठित तरीके से कार्यरत था और ओडिशा के सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई है। गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में से दो संबलपुर के निवासी हैं, एक देवगढ़ का है और एक खोरधा जिले का है। इस अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय जालसाजी में ठगे गए पैसों को विदेशों, विशेषकर सऊदी अरब भेजा जा रहा था।

पुलिस ने जांच के दौरान आरोपियों के पास से भारी मात्रा में सामग्री जब्त की है। इसमें 20 लाख नकद, 9 मोबाइल, 21 एटीएम कार्ड, कई बैंक पासबुक, चेकबुक, कई सिम कार्ड और एक कार शामिल है। यह मामला तब सामने आया, जब ऐंठापाली थाना क्षेत्र के निवासी रमेश चंद्र बिश्वाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने उन्हें स्टॉक मार्केट में निवेश के नाम पर धोखा दिया और धीरे-धीरे 88 लाख रुपए की ठगी कर ली।

एसपी भामू ने कहा, "गिरोह जीएसटी रजिस्टर्ड बैंक खातों वाले लोगों को निशाना बनाता था। उनसे संपर्क कर कहा जाता था कि यदि वे अपने खातों में बड़े पैमाने पर लेनदेन की अनुमति देंगे, तो उन्हें मोटा कमीशन दिया जाएगा। जिन खातों का इस ठगी में इस्तेमाल किया गया, उनके माध्यम से पैसे को इधर-उधर ट्रांसफर किया जाता था और अकाउंट होल्डर को कमीशन दिया जाता था।"

उन्होंने कहा कि यह पूरा रैकेट बहुत ही उच्च स्तर की योजना के जरिए चलाया जा रहा था। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और सऊदी अरब में बैठे मास्टरमाइंड की पहचान कर उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

Point of View

यह घटना निश्चित रूप से हमारे समाज के लिए एक चेतावनी है। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों से हमें सतर्क रहना होगा और सही जानकारी के साथ ही निवेश करना चाहिए। यह समय है कि हम अपने डिजिटल लेनदेन को और भी सुरक्षित बनाएं।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

साइबर ठगी का मास्टरमाइंड कौन था?
मास्टरमाइंड सऊदी अरब से इस गिरोह को संचालित कर रहा था।
कितने आरोपी गिरफ्तार हुए?
चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने क्या सामग्री जब्त की?
पुलिस ने 20 लाख नकद, 9 मोबाइल, 21 एटीएम कार्ड और अन्य सामग्री जब्त की।
ठगी की कुल राशि क्या थी?
ठगी की कुल राशि लगभग 88 लाख रुपए बताई गई है।
इस रैकेट का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस रैकेट का मुख्य उद्देश्य लोगों से स्टॉक मार्केट में निवेश के नाम पर धन ठगना था।