क्या ओडिशा पुलिस ने 'ऑपरेशन अन्वेषण' के तहत 5 दिनों में 2,417 लापता लोगों को खोज निकाला?

सारांश
Key Takeaways
- 2,417 लापता लोग इस अभियान के दौरान खोजे गए।
- पुरी जिला पुलिस ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया।
- अभियान का उद्देश्य लापता बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा है।
- भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे।
- राज्य सरकार पर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं।
भुवनेश्वर, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा पुलिस ने 18 से 22 अगस्त के बीच राज्यभर में चलाए गए विशेष अभियान 'ऑपरेशन अन्वेषण' के तहत कुल 2,417 लापता लोगों को सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर लिया।
यह अभियान लापता बच्चों और महिलाओं की खोज के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
ओडिशा पुलिस द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस अभियान में 358 लापता बच्चों की खोज की गई, जिनमें 325 लड़कियां और 33 लड़के शामिल हैं। इसके अलावा 2,059 लापता महिलाओं को भी सुरक्षित उनके परिवारों से मिलवाया गया।
इस विशेष अभियान में पुरी जिला पुलिस का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा, जिन्होंने 45 बच्चों और 504 महिलाओं को रेस्क्यू किया। इसके बाद भद्रक जिले ने 37 बच्चों और 318 महिलाओं को खोजा।
कटक जिला पुलिस ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जहां से 21 बच्चे और 304 महिलाएं रेस्क्यू की गईं।
ओडिशा पुलिस ने बताया कि 2025 में 'ऑपरेशन अन्वेषण' के अलावा फरवरी, अप्रैल और मई में भी ऐसे विशेष अभियान चलाए गए थे। इन अभियानों में कुल 6,667 लापता महिलाओं और 1,209 बच्चों (जिसमें 1,078 लड़कियां और 131 लड़के शामिल हैं) को खोज निकाला गया।
ओडिशा पुलिस ने आश्वासन दिया है कि लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए ये विशेष अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे, ताकि हर पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और कोई भी महिला या बच्चा लापता होने के बाद अनदेखा न रहे।
हालांकि, विपक्ष ने एक बार फिर से राज्य सरकार को महिलाओं और लड़कियों की बढ़ती गुमशुदगी को लेकर घेरा है।
कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि 2000 से 2024 तक की अवधि में पिछली बीजेडी सरकार के कार्यकाल में 44,000 महिलाएं और लड़कियां लापता हुई थीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार के प्रारंभिक 8 महीनों में ही 20,000 महिलाएं अब तक नहीं मिल पाई हैं।