क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत से पहले पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली नष्ट करनी चाहिए थी?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से पहले पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट करना जरूरी था।
- इजरायल की तरह हमें भी अपने दुश्मनों की वायु रक्षा को खत्म करना चाहिए।
- पाकिस्तान ने सीजफायर की मांग की, जो हमारी रणनीति की सफलता को दर्शाता है।
- भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
- युद्ध में हमारे जवानों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
पुणे, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने कहा कि हमने 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत से पहले स्थितियों की गंभीरता का विश्लेषण नहीं किया। उन्होंने बताया कि इजरायल किसी भी युद्ध से पहले अपने दुश्मन देशों की वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर देता है।
पूनावाला ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि हमने 6 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, लेकिन पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट करने का प्रयास नहीं किया। इजरायल ने ईरान पर हमले से पहले उसकी वायु रक्षा को नष्ट किया था, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हमने अपने हमले में पीओके और पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया। पाकिस्तान के पास इसका कोई जवाब नहीं था। इसके बाद हमने पाकिस्तान के एयरबेस को भी नष्ट किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने स्वयं इसकी पुष्टि की है।
पूनावाला ने कहा कि यदि पाकिस्तान किसी भी प्रकार का हमला करने की कोशिश करता, तो हमारे ब्रह्मोस ने पहले ही उनके नूर एयरबेस को नष्ट कर दिया था। इसी कारण पाकिस्तान ने सीजफायर की मांग की, और हमने उन्हें इसके लिए मजबूर किया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास चीन की तकनीक है। यदि युद्ध होता है, तो हमें भी नुकसान होगा। लेकिन हमारे एयरफोर्स के एक भी जवान की शहादत नहीं हुई। यह एक बड़ी बात है।
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को एक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 यात्रियों की जान गई थी। इसके बाद भारतीय सेना ने 6 मई की रात में कार्रवाई की और पीओके और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। पाकिस्तान के एयरबेस भी नष्ट हुए और उसे सैन्य स्तर पर बड़ा नुकसान हुआ।