क्या पाकिस्तान को आतंकी कुकृत्यों का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा? शगुन परिहार का बयान
सारांश
Key Takeaways
- नौगाम में हुए विस्फोट ने कई पुलिसकर्मियों की जान ली।
- शगुन परिहार ने पाकिस्तान को जवाब देने की बात की।
- डीजीपी नलिन प्रभात ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
- घायलों का उपचार सेना के अस्पताल में किया जा रहा है।
- विस्फोट की आवाज 5-10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।
श्रीनगर, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के नौगाम में पुलिस स्टेशन के निकट हुए धमाके के बाद भाजपा विधायक शगुन परिहार ने शनिवार को गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री इस कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत दुखद घटना है। इस हादसे में कई पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को उसके कुकृत्यों का जवाब हमारी तरफ से अवश्य मिलेगा। आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
शगुन परिहार ने यह स्पष्ट किया कि इस बार पाकिस्तान को किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ा जाएगा। उसे ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि वह अपनी गलती का एहसास कर सके।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में मृतकों की संख्या 9 हो गई है और घायलों की संख्या 29 है। घायलों को बादामी बाग क्षेत्र के सेना के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात, आईजीपी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी नौगाम पुलिस थाने में हुई इस आकस्मिक विस्फोट की स्थिति का आकलन करने के लिए现场 पर पहुंचे।
यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास की इमारतों के खिड़की के शीशे टूट गए और विस्फोट की आवाज 5-10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। इस हादसे के कारण पुलिस स्टेशन के पास खड़े कई वाहनों में आग लग गई और आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियों को भेजा गया।
डीजीपी नलिन प्रभात ने इस विस्फोट को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इसके किसी 'आतंकवादी संबंध' को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इसके कारणों के बारे में अन्य धारणाएं केवल अनावश्यक अटकलें हैं।
डीजीपी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि फरीदाबाद से बरामद भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री नौगाम पुलिस स्टेशन लाई गई थी और यह खुली जगह में सुरक्षित रखी गई थी। बरामदगी की मात्रा इतनी अधिक थी कि पिछले दो दिनों से विस्फोटक सामग्री के नमूने लेने की प्रक्रिया जारी थी, ताकि उन्हें फॉरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जा सके।