क्या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में मिर्यान थाने पर ड्रोन हमला एक गंभीर समस्या है?

सारांश
Key Takeaways
- ड्रोन हमले की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
- आतंकवादी संगठनों की नई तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है।
- सुरक्षा एजेंसियों को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
- मिर्यान थाने पर यह पांचवां हमला है।
- बन्नू क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
बन्नू, (खैबर पख्तूनख्वा), 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मिर्यान पुलिस स्टेशन पर शनिवार रात को एक बार फिर ड्रोन हमला हुआ। पुलिस अधिकारियों ने रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले एक महीने में यह पांचवां ड्रोन हमला है।
पुलिस के अनुसार, इस बार भी एक उच्च ऊंचाई से उड़ रहे ड्रोन के माध्यम से हथियारबंद गोला-बारूद गिराया गया। हालांकि, इस हमले में किसी भी प्रकार की जनहानि या संरचनात्मक क्षति नहीं हुई। अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन इतनी ऊंचाई पर उड़ रहा था कि उसे गिराना संभव नहीं हो सका।
पुलिस ने कहा, "पिछले एक महीने में मिर्यान थाने पर यह पांचवां क्वाडकॉप्टर हमला है।" यह दर्शाता है कि क्षेत्र में आतंकियों द्वारा आधुनिक ड्रोन तकनीक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।
बॉर्डर से लगे इस संवेदनशील क्षेत्र में इन ड्रोन हमलों की बढ़ती घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हाल के महीनों में ऐसे ड्रोन के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
हमले के बाद, पूरे बन्नू क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है।
इससे एक दिन पहले, शुक्रवार रात को लक्की मरवत जिले के सेराई गंबीला थाने पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें करीब एक दर्जन आतंकवादियों ने थाने को चारों ओर से घेर लिया और हल्के व भारी हथियारों से हमला किया।
सेराई गंबीला थाना पहले भी कई बार हमलों का शिकार हो चुका है। यह थाना पेशावर-कराची हाईवे के किनारे गंबीला नदी के पास स्थित है।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये हमले आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की नई रणनीति का हिस्सा हैं।
इन घटनाओं से पहले 2 जुलाई को बाजौर जिले के फाटक मेला इलाके में एक शक्तिशाली आईईडी धमाके में चार लोगों की मौत हुई थी, जिनमें नवागाई के सहायक आयुक्त फैसल सुल्तान और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी समेत दो पुलिसकर्मी शामिल थे।
यह विस्फोट एक सरकारी काफिले को निशाना बनाकर उस समय किया गया था, जब वह नवागाई रोड से गुजर रहा था।